अभी वो कमसिन है, अभी उसका उभरना है बाक़ी।थोड़ा निखार आया है उसपे, थोड़ा और निखरना है बाक़ी॥राह-ए-इश्क़ की ठोकरें वो सुनता आया है ज़माने सेइस बेज़ार रहगुज़र पे दिल उसका मचलना है बाक़ी।माना कि कम है ये ज़िन्दगी मुहब्बत की खातिरतूफाँ-ए-प्यार के लिए इक चिंगारी का निकलना है बा...

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क्रिकेट कपविश्व क्रिकेट कपसिर्फ क्रिकेट ही न रहाआन बान और शानसब हो गया

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नवरात्री के रंग लो जी श्राद्ध खत्म और नवरात्री आयी- कलकत्ता के पंडालों में, गुजरात के गरबे में, तमिलनाडू की गुड़ियों के त्यौहार में और न जाने कहाँ कहाँ। तो जी हम कैसे पीछे रहते। हमारा बम्बई तो वैसे ही न सिर्फ़ कॉसमोपोलिट्न है, मेरे अनुमान से 85% महिला जनता य...

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क्रिकेट विश्व कपक्रिकेट विश्व कपका सुनकर हल्लाएक ग्रामीण बोला चिल्लाविश्व कप लाएंगे तोक्या सारे भारतवासीविश्व कप में सुबह सुबहचाय पिया करेंगे।

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अबूझ पहेली को हमने ख़ूब बुझाया,पर अपना हाल तूने नहीं बताया।ठगा रहा था मैं बेजान देर तकपर हुई न दिल पे कोई दस्तक।हर बेबसी फिर क्यूँ भुला न जाताइक कतरा भी 'ग़र रुला न जाता !रोने का न मुझे शऊर थाहाँ, दूरी ने हर सबक सिखाया,पर अपना हाल तूने नहीं बताया।टूट पड़ा था मैं ज्...

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साकी इस क़दर न पिलाओ कि खुमार छा जाएइन आँखों को करना फिर इंतज़ार आ जाएपीता हूँ प्यार भुलाने को, कहीं ऐसा न होकि इस ज़ालिम शराब पर ही प्यार आ जाए।मैं जानता था, इस पाक मुहब्बत का भी कोई नूर निकलेगामेरी सादगी, मेरी दीवानगी का नतीजा ज़रूर निकलेगाहाँ, उम्मीद नहीं थी जो और...

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खुली वसीयतइसके पहले कि तालू से चिपके,ये पटर पटर चलती जबां,सुन मेरी वसीयत बेटा बैठ यहां,कुछ बातें तुझसे कहनी हैं,जो मेरे मरने से पहले और मरने के बाद तुझे निभानी हैं,जब जीवन धारा सूखने लगे, जबां न चले,करवट मौह्ताजी हो, आखँ न खुले,तुझसे मेरी विनती है,इन रिसती सासों को...

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धीरे से जाना बगियन में .गत पर्यावरण दिवस के उपलक्ष में हमारे मोहल्ले की कमेटी ने यह सोचा कि मोहल्ले के सारे बच्चों को इकठ्ठा करके उनको पर्यावरण से जुड़े हुए मुद्दों के विषय में जागरूक किया जाये. कमेटी के सदस्यों में यह सहमति बनी कि तमाम बच्चों को उन तथ्यों के बारे...