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जौनपुर किले के निर्माण के समय फिरोज शाह तुगलक (बरनी द्वारा उल्लेखित) के भाई उलुग इब्राहिम नायब बरबक ने किले की मस्जिद का निर्माण करवाया था।  यह अटाला मस्जिद के निर्माण से पहले जौनपुर की प्रमुख मस्जिद के रूप में इस्तेमाल होती थी।  बंगाली/मिस्र शैली में निर...
गुरु तेग बहादुर (जन्म: 18 अप्रैल, 1621 ई - मृत्यु: 24 नवम्बर, 1675 ई सिखों के नौवें गुरु थे। उनका जन्म पंजाब के अमृतसर में हुआ था। उनके बचपन का नाम त्यागमल था, वे बाल्य काल से ही संत स्वरूप गहन विचारवान, उदार चित्त, बहादुर थे। करतारपुर की लड़ाई में विजयी होकर आने क...
 पोस्ट लेवल : गुरु तेग बहादुर
मख़दूम ख्व़ाजा ई’सा ताज चिशती आप का शुमार जौनपुर के प्रसिद्ध सूफ़ियों में होता है . आप के पिता शैख़ अहमद ई’सा दिल्ली के प्रसिद्द विद्वान् थे. अमीर तैमूर के आक्रमण के समय वह अपने परिवार के साथ जौनपुर आ गए. उस समाय आप की अवस्था 7 -8 साल की थी . इसी उ’म्र में आप शैख़...
महर्षि यमदग्नि की तपोस्थली व शार्की सल्तनत की राजधानी कहा जाने वाला प्राचीनकाल से शैक्षिक व ऐतिहासिक दृष्टि से समृद्धिशाली शिराजे हिन्द जौनपुर आज भी अपने ऐतिहासिक एवं नक्काशीदार इमारतों के कारण न केवल प्रदेश में बल्कि पूरे भारत वर्ष में अपना एक अलग व...
Diwaliसभी पाठकों और शुभ चिंतकों को दीपावली की बधाई और शुभकामनायें |समस्त देशवासियों को दीपावली की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं !यह महापर्व प्रेम और सद्भाव के साथ ही आप सभी के जीवन में सुख, शांति और समृद्धि लाए।Discover Jaunpur (English), Jaunpur Azadari&nb...
 पोस्ट लेवल : festival FEATURED Diwali video
खानकाह शब्द का मतलब है, मठ,आश्रम । यह शब्द खास कर सूफी संतों की रहने की जगह के लिए उपयोग में लाया जाता रहा है,जहाँ वह अपने अनुयायियों को आध्यात्मिक उपदेश देते हैं। जौनपुर के इतिहास पे जब नज़र डालते हैं तो यहां पे तुग़लक़ काल से बने खानकाहें दिखाई देती है जिनमे से...
सूफी पीर व फकीरों ने खोजी थी कव्वाली|  कव्वाली का आगाज़ मुस्लिम धर्म के सूफी पीर/फकीरों ने किया। आठवीं सदी में ईरान और दूसरे मुस्लिम देशों में धार्मिक महफिलों का आयोजन किया जाता था, जिसे समां कहा जाता था। समां का आयोजन धार्मिक विद्वानों यानी शेख की देखरेख...
 पोस्ट लेवल : ameer khusro
मलिक सर्वर जो एक ख्वाजा सारा था उसने १३९४ में जौनपुर सल्तनत की स्थापना की जो आगे जा के शर्क़ी राज्य में बदल गया | सुलतान मुहम्मद शाह शर्क़ी से होता हुआ जब यह सुलतान इब्राहिम शाह के हाथों में पंहुचा तो हरकी राज्य ने बहुत तरक़्क़ी की और जौनपुर इस शर्क़ी राज्य की राजधानी ब...
 पोस्ट लेवल : sharqi sultanat editorial music history
भारत के प्राचीन शहर जौनपुर को, जिसे शीराज़ ऐ हिन्द कहा जाता है 14 वीं शताब्दी में फ़िरोज़ शाह तुग़लक़ ने फिर से बसाया था और बाद में आगे जा के यह शर्क़ी राज्य की राजधानी बना और इसे शर्क़ी बादशाहों ने इसी बहुत ही खूबसूरत अंदाज़ से बसाया संवारा और एक शतक तक राज्य किया |...
शार्की  समय में हुआ जौनपुर में महान संतो का आगमन जिनकी नस्ले आज भी यहां रहती है ।  जौनपुर में इब्राहिम शार्की का नाम ,उसका इन्साफ और नेकदिली की बातें सुन के तैमूर के आक्रमण के कारण बहुत से अमीर ,विद्वान, प्रतिष्ठित व्यक्ति ,कलाकार जौनपुर में शरण लेने आने...