अभी जब हम केदारकंठा गए, तो हमारे ग्रुप में सबसे छोटा सदस्य था अभिराज... उम्र 8 साल... अपने पापा के साथ आया था... हमने 10 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए ट्रैक पर जाना मना कर रखा था, लेकिन इन दोनों की इच्छा को देखते हुए सहमति दे दी... चूँकि बच्चों की इम्यूनिटी बड़ों...
केदारकंठा ट्रैक भाग-1केदारकंठा ट्रैक भाग-2सुबह 6 बजे ही उठ गए थे, क्योंकि आज हमें बहुत ज्यादा चलना था। आज हम 2800 मीटर की ऊँचाई पर स्थित जूड़ा लेक पर थे और पहले 3800 मीटर की ऊँचाई पर स्थित केदारकंठा चोटी पर जाना था और उसके बाद सांकरी भी लौटना था। जूड़ा लेक से चोटी तक...
केदारकंठा ट्रैक भाग-1सुबह सवेरे अवतार भाई उपस्थित थे। हमें इस ट्रैक के लिए एक पॉर्टर की आवश्यकता थी, तो होटल वाले ने आज सुबह अवतार भाई को बुला लिया। वे सौड़ गाँव के रहने वाले हैं, जो सांकरी से एकदम लगा हुआ है। “कितने पैसे लोगे?”“आप कितने लोग हो?”“तीन।”“केदारकंठ...
लॉकडाउन के कारण कई महीनों से घर में ही पड़े हुए थे और पहाड़ों में ट्रैकिंग तो छोड़िए, घर के आसपास पैदल चलना तक मुश्किल हो गया था। फिर सितंबर आते-आते जब माहौल सामान्य हुआ, तो सबसे पहले केदारकंठा ट्रैक ही दिमाग में आया। इसका कारण था हमारा वहम। हमें लगने लगा था कि पैरों...
आखिरकार 8 महीने की देरी से यह किताब छप ही गई। चलिए, अब इस किताब की पूरी कहानी विस्तार से बताते हैं...‘घुमक्कड़ी जिंदाबाद’ किताब प्रकाशित करने का आइडिया 2018 में आया था। इरादा था कि अपने सोशल मीडिया नेटवर्क में से अच्छा लिखने वाले कुछ मित्रों के यात्रा-वर्णन एकत्र कर...
सीधी खड़ी लाइन भारत की स्टैंडर्ड टाइम लाइन है...धरती जब 360 डिग्री घूमती है, तो समय में 24 घंटे का परिवर्तन आ चुका होता है... यानी 1440 मिनट... 360 डिग्री में 1440 मिनट... यानी 1 डिग्री घूमने में 4 मिनट का परिवर्तन...भारत का सबसे पूर्वी सिरा अरुणाचल में किबिथू के पा...
नेशनल पार्क यानी एक ऐसा क्षेत्र जो इकोसिस्टम के लिए अत्यधिक विशेष हो, किसी जीव के लिए विशेष हो, किसी वनस्पति के लिए विशेष हो... और उसे संरक्षित करना जरूरी हो... हमारे लिए यह प्रसन्नता की बात है कि भारत में बहुत सारे नेशनल पार्क हैं, जहाँ हम उन जीवों का दीदार करने य...
फरवरी 2015 में मैं जालंधर से पठानकोट की ट्रेन यात्रा कर रहा था। यह सुबह पौने 9 बजे वाली लोकल ट्रेन थी, जो पठानकोट तक प्रत्येक स्टेशन पर रुकती हुई जाती है। जालंधर शहर से बाहर निकलते ही मुझे उत्तर में क्षितिज में बर्फीली चोटियाँ दिखाई दीं। चूँकि मैं इस क्षेत्...
पुस्तक: दूर दुर्गम दुरुस्तलेखक: उमेश पंतप्रकाशक: राजकमलISBN: 978-93-89577-28-0पृष्ठ: 224मूल्य: 250 रुपयेउमेश पंत जी की पहली किताब ‘इनरलाइन पास’ ने सफलता के झंडे गाड़े। इनकी वह किताब उत्तराखंड में आदि कैलाश ट्रैक पर आधारित है और प्रत्येक ट्रैक की तरह रोमांच से भरपूर...
13 दिसंबर 2019कुछ साल पहले जब मैं साइकिल से जैसलमेर से तनोट और लोंगेवाला गया था, तो मुझे जैसलमेर में एक फेसबुक मित्र मिला। उसने कुछ ही मिनटों में मुझे पूरा जैसलमेर ‘करा’ दिया था। किले के गेट के सामने ले जाकर उसने कहा - “किले में कुछ नहीं है... आओ, आपको हवेलियाँ दिख...