ब्लॉगसेतु

यहाँ माझी है नैय्या है पतवार है और गंगा यमुना की बहती धार हैप्रयागराज तीरथ त्रिवेणी का संगम बहती यहाँ सत्संग की बयार है  इन नदियों के पास मेरे देश का इतिहास उपजाऊ जमीन रही भरमार है  दोआब कर वसूले मुगलों ने यहाँयही वो गंगा यमुना का कछार है  मंदिरों क...
(चित्र गूगल से साभार) ज्ञानपीठ नालंदा मैं था गुरुजनों का प्रसाद किसी जमाने में बच्चों मैं रहा बहुत आबाद राजा कुमार गुप्त ने मुझे स्थापित करवाया पाली भाषा में विद्यार्थी करते पठन संवाद इस देश के बाहर से भी ज्ञानार्जन करने आते अब ज्यादा कहूँ तो तुम समझो न इसे अपवाद...
सियानी गोठ    जनकवि स्व.कोदूराम “दलित”30 - सिंहकरता वन में  सिंह तू  निरभय  रह कर  राजसुन   दहाड़  तेरी  डरें  ,  गेण्डे  औ’  गजराजगेण्डे  औ’  गजराज   ,  सभी  &n...
सियानी गोठ जनकवि स्व.कोदूराम “दलित”29 - कुकुररखवारी  घर के करय , जउन मिलय सो खायलुडुर - लुडुर मालिक करा ,  पूँछी कुकुर हलायपूँछी कुकुर हलाय, चिन्हय घर के सब झन-लाभूँक - भूँक  के  भगा  देय  वो  चोर  मनन –लाकुकुर  आय&nbsp...
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सियानी गोठ    जनकवि स्व.कोदूराम “दलित”28 - कायरसुनय  बिगुल  – ला युद्ध के, खटिया तरी लुकायगुर्रावय   जे    घरे  –  मां   ,   कायर  उही   कहायकायर  उही  कहाय  ,...
 पोस्ट लेवल : सियानी गोठ कायर
 सियानी गोठ   जनकवि स्व.कोदूराम “दलित”27 – पेड़भाई , अब सब ठउर –मां, अइसन पेड़ लगावखाये खातिर फल मिलय, सुस्ताये बर छाँवसुस्ताये बर छाँव  , मिलय लकड़ी बारय बरमिल  जावय  लौड़ी  , दुष्टन - ला खेदारे बरठण्डी , शुद्ध , सुगंधित हवा मिलय सुखदाईस...
 पोस्ट लेवल : सियानी गोठ पेड़
 सियानी गोठ   जनकवि स्व.कोदूराम “दलित”26 - राखनष्ट करो झन राख –ला, राख काम के आयपरय खेत-मां राख हर , गजब अन्न उपजायगजब  अन्न  उपजाय ,  राख मां  फूँको-झारोराखे-मां  कपड़ा – बरतन  उज्जर  कर  डारोराख  चुपरथे &nbsp...
 पोस्ट लेवल : सियानी गोठ राख
 सियानी गोठ  जनकवि स्व.कोदूराम “दलित”25 - पेपरपेपर  मन –मां  जगत के ,  समाचार  छपवावपत्रकार  मन  सबो  ला , मारग सुघर दिखावमारग सुघर दिखाव, अउर जन-प्रिय हो जाओस्वारथ - बस पेपर-ला  ,झन पिस्तौल बनाओपेपर  मन &nbsp...
 पोस्ट लेवल : सियानी गोठ पेपर
 सियानी गोठ   जनकवि स्व.कोदूराम “दलित”24 – पंचशीलबंधन –मां जतका हवयँ, सबला मुक्त करावपंचशील ला मान के ,  विश्व-शांति अब लावविश्व-शांति अब लाव , सबो के भला विचारोअस्त्र-शस्त्र,बम वम  सब ला सागर मां डारोआ जावय बंधुत्व-भाव, जन-जन के मन मांरहे &nbs...
 पोस्ट लेवल : सियानी गोठ पंचशील
 सियानी गोठ  जनकवि स्व. कोदूराम “दलित”23. अणुअणु ला नान्हें समझ मत, अणु ला तुच्छ न जानअणु मा शक्ति  अघात हे  ,   अणु मन आयँ महानअणु मन आयँ महान,बनिस अणु-अणु मां भुइयाँअणु मन आयँ  विनाशक  अउ निरमाण करइयाअणु  के  असल&nbsp...
 पोस्ट लेवल : सियानी गोठ अणु