ब्लॉगसेतु

कल दिनांक 19 मार्च को कवि केदारनाथ सिंह नहीं रहे .आज उनसे सुनिए उनकी कविता "हिंदी के बारे में एक हिंदी कवि का बयान "से यह अंश और पढ़िए उनकी पूरी कविता . (कृपया ऊपर के प्लेयर पर आवाज़ सुनें .)हिंदी के बारे में एक हिंदी कवि का बयानमेरी भाषा के लोगकेदारनाथ जी के साथ शरद...
इस दुनिया में जो कुछ भी घटता है ,वह इस देह पर ही घटता है .इस केन्द्रीय विचार के साथ रची गई है लम्बी कविता 'देह' जो प्रसिद्ध साहित्यिक पत्रिका 'पहल' के अंक 104 में प्रकाशित हुई थी . इस कविता को पंद्रह भागों में विभक्त कर मैंने अपने ब्लॉग के पाठकों के लिए उसके ऑडियो...
साहित्य में 'मजनू' आ जाये तो क्या होगा किसी भी रचना में खास तौर पर कविता में ऐतिहासिक या माइथोलॉजीकल सन्दर्भों की अधिकता की वज़ह से उसे तत्काल समझने में व्यवधान उत्पन्न होता है । यह हमारे अध्ययन और जानकारी पर निर्भर करता है कि हम उस सन्दर्भ को कितना समझ सकते है...
रचना संवाद-चार-शरद कोकास कई दिनों तक चूल्हा रोया चक्की रही उदास  पत्थर जैसा दिल , फूल सा चेहरा, ताड सा लम्बा  जाने कितने ही बिम्बों का इस्तेमाल हम करते हैं । लेकिन ऐसा होता है कि हम कई बिम्बों का प्रयोग अनायास ही कर जाते हैं । केवल रचना में ही न...
रचना संवाद : भाग 3 रचना और रचनाकार की मन:स्थिति व अन्तःप्रेरणा लिखते समय हमारी मनस्थिति कैसी होनी चाहिए कई बार ऐसा होता है कि हम कुछ भी लिखने की मन:स्थिति में नहीं होते । विचार हमारे इर्द-गिर्द मँडराते रहते हैं, भाव हमे घेरे रहते हैं लेकिन शब्द नहीं सूझते । कई...

जीवनानुभव को रचनानुभव में बदलने की कीमियागरी दिन -प्रतिदिन के अनुभव-अनुभव शब्द से हम सभी वाकिफ हैं ।जीवन में हमें अनेक अनुभव होते हैं । हम सुबह जागते हैं तो हमे सूर्य उगता दिखाई देता है । हम रोज़मर्रा के कामों की शुरुआत करते हैं । हमें उस दिन की रोटी का प्रबन्ध...
आज बहुत भारी मन से मैंने ब्लॉग विवरण में दिवंगत आलोचकों की सूची में डॉ.कमला प्रसाद का नाम जोड़ा है । और यहाँ प्रस्तुत कर रहा हूँ उनपर लिखा एक लेख जो विगत 1 मई को अशोक सिंघई द्वारा कमला जी पर प्रकाशित एक स्मारिका के लिये मैंने लिखा थासाहित्य में अनुशासन के सिपाही –...
" मैं ‘ शब्द और कर्म ‘ के साथ ‘ साहित्य और इतिहास दृष्टि ‘ लेकर हिन्दी आलोचना के क्षेत्र में आया "प्रो मैनेजर पाण्डेय बता रहे हैं कि वे आलोचना के क्षेत्र में कैसे आए । प्रो मैनेजर पाण्डेय से महावीर अग्रवाल द्वारा लिए गए साक्षात्कार का एक अंश साहित्यिक पत्रिका ‘ स...
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