dasha antardasha calculation freeगत्यात्मक दशा पद्धति : भाग - 1 ज्योातिष में ग्रहों के प्रभाव के समय को निर्धारित करने वाले सूत्रों का समूह दशापद्धति कहलाता है। पूर्व में कई प्रकार की दशा पद्धतियां प्रचलित हैं , पर अभी तक ग्रहों के अच्छेर या बुरे प्रभाव...
विज्ञानियों को ज्योतिष नहीं चाहिए, ज्योतिषियों को विज्ञान नहीं चाहिए।दोनो गुटों के झगडें में फंसा है गत्यात्मक ज्योतिष, जिसे दोनो गुटों के मध्य सेतु का काम करना है। ऐसे में गत्यात्मक ज्योतिष द्वारा समाज में ज्ञान के प्रचार प्रसार के कार्यक्रम में आम जनता ही स...
विज्ञानियों को ज्योतिष नहीं चाहिए, ज्योतिषियों को विज्ञान नहीं चाहिए।दोनो गुटों के झगडें में फंसा है गत्यात्मक ज्योतिष, जिसे दोनो गुटों के मध्य सेतु का काम करना है। ऐसे में गत्यात्मक ज्योतिष द्वारा समाज में ज्ञान के प्रचार प्रसार के कार्यक्रम में आम जनता ही स...
यह भविष्यवाणी बिल्कुल ज्योतिषीय है और इसकी पुष्टि सम्बन्धित तिथियों के आगमन के दो-तीन दिन पहले मौसम विभाग स्वयं करेगा, ऐसा मेरा अनुमान है। हजारों मील दूर रहकर मानव-निर्मित प्रक्षेपित सेटेलाइट प्रतिदिन बहुत सारी सूचनाएं प्रदान करके संचार व्यवस्था को चुस्त-दुरु...
कल मैं 78 वर्ष पूरे करनेवाला हूँ। अपनी खोज गत्यात्मक दशा पद्धति के अनुसार जीवन के सातवें पड़ाव के मध्य में खड़ा हूँ। मैं पृथ्वी पर 15 जुलाई 1939 को अमावस के एक दिन पूर्व आया। कुम्भ लग्न , मिथुन राशि मे क्षीण चंद्रमा के कारण जीवन के प्रारंभ के 12 वर्ष रोग, ऋण, श...
हर घर में रखी और पढी जाने लायक यह पुस्तक ‘फलित ज्योतिष कितना सच कितना झूठ’ के लेखक श्री विद्या सागर महथा जी हैं। ‘गत्यात्मक ज्योतिष’ को स्थापित करने का पूरा श्रेय अपने माता पिता को देते हुए ये लिखते हैं कि‘‘मेरी माताजी सदैव भाग्य और भगवान पर भरोसा करती थी। मेरे पित...
हजारो वर्षों से विद्वानों द्वारा अध्ययन-मनन और चिंतन के फलस्वरुप मानव-मन-मस्तिष्क एवं अन्य जड़-चेतनों पर ग्रहों के पड़नेवाले प्रभाव के रहस्यों का खुलासा होता जा रहा है , किन्तु ग्रहों के बुरे प्रभाव को दूर करने हेतु किए गए लगभग हर आयामों के उपाय में पूरी सफलता न म...
संसार के प्राय: सभी लोग आज घड़ी पहनने लगे हैं। इसे पहनने पर भी और नहीं पहनने पर भी हर स्थिति में समय तो अबाध गति से चलता ही रहेगा यानि जिस समय जितना बजना है , बजता ही रहेगा , हम समय में कोई परिवर्तन नहीं कर सकते , फिर घड़ी के पहनने से क्या लाभ ? इसे पहनने की क्या ब...
मेरे गॉव में एक बुढ़िया रहती थी। उसके यहॉ शकुन कराने के लिए अक्सर ही लोग आया करते थे। उसके यहॉ लोगों के आवागमन को देखकर मै कौतूहलवश वहॉ पहुंचा , यह जानने की जिज्ञासा के साथ कि यह बुढ़िया आखिर करती क्या है , जिससे इसे सब बातें मालूम हो जाती हैं। उन दिनों मेरी उम्र म...
विश्व की कुल आबादी इस समय 7 अरब के आसपास है और उस आबादी का लगभग छठा भाग 1 करोड़ से अधिक केवल भारत में है। परिवार नियोजन के कार्यक्रमों में बढ़ोत्तरी के बावजूद प्रत्येक दस वर्षों में इस समय आबादी 25 प्रतिशत बढ़ती चली आ रही है। अत: यह कहा जा सकता है कि बच्चों का जन्म...