हर्फों के रेशमी धागें बुनकरतश्ते-ए-फ़लक पर जज़्बात लिखती हूँबिखरे लम्हों की तुरपन सी करदामन-ए-आसमां में सजा हर ख़यालात लिखती हूँये कौन है हिन्दू,मुस्लिम,सिख,ईसाईइंसान हूँ इंसानियत को सबकी ज़ात लिखती हूँ फींकी है जिसके आगे हर नेमतमाँ की दुआ को गुलशन-ए-ज़ीस्त की वो स...
image-credit~Googleमुझे लगते ख़्वाबों के ये अफ़साने है प्यारे बड़ेअसल में तो दुखते है हकीक़त के छाले बड़ेकिसे कहूँ यार अपना,नहीं कोई अब दिलदार अपनादिल को मेरे खलते हैं अपनों के ये दिखावे बड़ेलम्हा है ख़ुशी का जी भर के मुस्कुराने दो इन्हेंमेरी आँखों ने सैलाब ग़मों के है बाअ...
इक सफर ऐसा भी तय होमंज़िल जिसकी तुम,तुम ही रहगुज़र होखुद से भटक कर जहाँ पहुँच खुद तक जाना हो खोकर खुद कोखुद ही को पाना होसमाज ये खोखलाखोखलें इसके कायदे हैझूठी है हर रीतझूठे इसके सब वायदे है तो उतार फेंको ढकोसलों का ये चोलानिकल पड़ो घर से ...
Image credit-googleहो जाये बौनेये विघ्नों के पर्वत भीकद हौंसलो काकुछ यूँ तुम बढ़ा लोआँगन में तुम्हारे भीआयेगा भोर का उजियाराबस एक सूरज आशा वालाचौखट पे तुम टांग लोये अक्षमताएं तुम्हारीदेहिक है,सीमित हैअंतर में छिपीअपार योग्यता कोतुम पहचान लोचूर-चूर हुई विराट चट्टानें...
हमने तो कई दफे किया हाल-ए-दिल बयाँ है ग़र इश्क़ तम्हें भी,तो इज़हार करना चाहिएहमने तो अक्सर ही तेरी राह तकी पलके बिछाकरकिसी रोज़ तुम्हें भी हमारा इंतिज़ार करना चाहिएहम तो रंग गये है तेरी उल्फ़त में सुर्ख गुलाबीरंग-ए-मोहब्बत का तुम पर भी ख़ुमार चढ़ना चाहिएहमें तो लग गय...
ऐ परिंदे काश मैं तुझ-सी होती तोड़ सब बंदिशें,बेपरवाही से पंख लेती पसारनील गगन में,मस्त पवन संग उड़ जाती कहीं दूर फलक में होकर बादलों पर सवार||ऐ समुन्दर काश मैं तुझ-सी होती क्षितिज होता मेरा भी अम्बर के पारअडिग,अविचल मैं अनवरत बहती जाती समेट...
बहुत कुछ खोना पड़ता है कुछ थोड़ा-सा पाने के लिएतिनका-तिनका संजोना पड़ता है यहाँ आशियां बनाने के लिए..खुद ही मरहम लगाना पड़ता है दर्द के शरारों को सुखाने के लिएएक-एक हसीं का हिसाब देना पड़ता है यहाँ रत्ती भर खिलखिलाने के लिए..गिरेबां को सदाक़त से सजाना...
माना अँधेरा घना है पसरा हर ओरपर आस का चमकीला सितारामैं इसमें ओझल होने कैसे दूँमैं उम्मीद हूँ,तुम्हें ना उम्मीद होने कैसे दूँ|माना वीरान है दिल की ज़मींपर बीज तमन्ना का उगाये बगैरमैं इसे बंजर होने कैसे दूँमैं उम्मीद हूँ,तुम्हें ना उम्मीद होने कैसे दूँ|माना पाँव में ह...
ये नज़रें हैं गुस्ताख़कहीं ये कोई हसीं भूल ऐ मेरे यार कर ना देंतुम्हारी निगाहों से मिलकरकहीं ये तुम्हें भी चाहत में बेक़रार कर ना देंमेरे दिल का हाल है बुराकहीं ये बेपरवाही से इसका इज़हार कर ना देंहम तो हो चुके है मोहब्बत में बर्बादकहीं ये तुम्हें भी जुनूने इश्क में बी...
उस शाम पहली दफ़ा..