कखनो अहाँक अपनाबकऽ लेल कनलीतऽ कखनो हम अहाँक अपनाकऽ कनलीहियामे हम सजौने छली हजार सपनासभ सपना नोरक सँग बहाकऽ कनलीएक तर्फी प्रेम छल हमर हमरा लगैयतें अपन प्रेमक संसार लुटाकऽ कनलीझुठोक प्रेम जालमे फासलकऽ वो हमराहम फसल माछ सन छटपटाकऽ कनलीहम पागल-आशिक, दिवाना छली प्र...
दिलमें बसल छलै ओआई दीदार भऽ गेलै - २की कहु हम मिता यौहमरा ओकरे सँ प्यार भऽ गेलै - २दिलमें बसल छलै ओआई दीदार भऽ गेलैकी कहु हम मिता यौहमरा ओकरे सँ...प्यार भऽ गेलैचालिु ओकर मतवाली जका - ३तिरछी नयन कटार जकाजादू उ कोन चला कऽ गेलै,दीवाना हमरा उ बना कऽ गेलै - २जे रातिु मे...
मिथिलाञ्चल शायरी के मेम्बर रचनाकार सचिन कुमार मैथिल के रचना सब स्टेप By स्टेप पढ़ि सकैत छी। आ मिथिलाञ्चल शायरी पर अपने सब मैथिली में रचना, शायरी, गज़ल, चुटकुला, कथा-पिहानी इत्यादि सब पढ़ि सकैत छी।यदि अपने अप्पन मैथिली में लिखल रचना मिथिलाञ्चल शायरी वेबस...
अयोध्या सँ एलै बरातीनिक-निक पेहान यौ !राजा जनकजी के आगाठाढ़ छै श्री राम यौ !!राजा जनकजी के आगाठाढ़ छै श्री राम यौ !!राम, लक्षमण, भरत, सत्रूधनसबके सब महान यौराम, लक्षमण, भरत, सत्रूधनसबके सब महान यौ !हाथ मे माला ध्यनेमारै मुस्कान यौराजा जनकजी के आगाठाढ़ छै श्री राम यौ !...
नेह प्रीतक लगाक' मुह मोरि लेलौं किया !प्रेमक रोग लगाक' अहाँ छोरि गेलौं किया !!मनो नई लगैय इजोरिया राति मेंहमर जिनगी अन्हार बनेलौं किया !एखनो धरि बाट जोहैत छी अहिंकेघुरि'क हमरा जिनगीमें ऐलौं नई किया !!अहिंसंग बितेबै जिनगी केने छेलौं वादावादा करि'क अहाँ व...
नै पुछ मिता कि - कि कहानी छै हमरबालु पऽ साम चढबैत जवानी छै हमरमरुभूमिमे बालुके घोंरस्ँ दही जम्बै छी हमलोक पती...
अपना अस्थाकेनिरंतरता दऽ रहल छै मैथिलअही प्रकारे जेना बर्षेनी बहैतनदिके पानि'जे शुरुवाती छोडसँ महासागर तकबहैत रहैय अटुट भऽविज्ञानके निक जकाँपरिभाषित करबला अहाँ सन लोकजखन देखाइय अही अस्थाक डोरमेबन्हाकअकासमे आस्थाके इन्द्रेणी उगबैततखन सहजे मुहस्ँ निकैल जाइयवाह....रे म...
छवि : सरिता साहजान की जान सँ बैईढ कऽ मानैत छलीओ छै निर्दय साच्चो हम नै जानैत छलीओ पीठ पाछु छुरा घोपै से हमरा की पताआ हम सदति दुवामे ओकरे माँगैत छलीगैर जाई छलै गोर मे खुट्टी, काँटो जँऽदर्द होई ओकरा मुदा हम कानैत छलीहर एक काज मे हाथ बटाबैत छलियैरोटी ओ पकाबै आँटा...
कखनो रूसनाई कखनो मनेनाई हुनकरकखनो हँसनाई कखनो कननाई हुनकरबाँचल जिनगी एहिना बीतल जाई अछिएक मात्र नोर नहि देखल जाईयै हुनकर ।महिन ताग सँ गुँथल अछि सम्बन्धक मालासजैल अछि करीना सँ एक रिश्ताक डालाभजिया लेने छी हम कथि सँ ओ खुश रहतीमुँह पर उदासी कहाँ देखल जा...