पविलियन चौंक ही कभी सेशन चौक हुआ करता था लुधियाना: 8 दिसंबर 2019: (कार्तिका सिंह// मन की दुनिया-मन के रंग)::यह लिखा है आई लव लुधियाना। स्थान है पविलियन माल। इसी स्थान पर कभी अलुमिनियम का एक बैंच लगा होता था। थके मंडे लोग कुछ पल के लिए यहां बैठ जाते।...
यकीन न हो तो आज़मा कर देख लो-सच में मान जाओगे लुधियाना: 8 दिसंबर 2019: (कार्तिका सिंह//मन की दुनिया-मन के रंग)::कैक्टस गार्डन का होना मेरे लिए सचमुच किसी हैरानी से कम नहीं था। जब मैंने सुना कि बाकायदा इस नाम का एक बाग़ मौजूद है तो मैंने इस जा कर द...
प्रविष्टि तिथि: 23 NOV 2019 1:15PM by PIB Delhiतीन फिल्में इस विशेष श्रेणी में शामिल होंगीगोवा: 23 नवंबर 2019: (पत्र सूचना कार्यालय के सक्रिय सहयोग से):: गोवा से आ रही हैं फिल्मोत्सव की खबरें और तस्वीरें। इस बार खुल कर हुई है उन फिल्मों की चर्चा जिन...
वह अंतरंग मुलाकात--जो अब भी जारी है कभी लिखा था कि.....मिलती हैं जो ठोकरे राह ऐ ज़िन्दगी में, कभी कभी उन्हें खा कर रुक जाना ही बेहतर है. न जाने रचियता का,किस और मुड़ने का इशारा हो..!संजीत के साथ कुछ पल कैमरे के सामने अब इन्ही पंक्तियों के क़दमों प...
ਕੁਝ ਦਿਨ ਪਹਿਲਾ ਰਸੂਲ ਨੂੰ ਪੜ੍ਹਨਾ ਸ਼ੁਰੂ ਕੀਤਾ। ਕੁਝ ਲੋਕਾਂ ਨੇ ਵੀ ਕਿਹਾ ਸੀ ਕਿ ਉਸਨੂੰ ਪੜ੍ਹਨਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ, ਤੇ ਇੱਕ ਵਾਰੀ ਸਾਡੇ ਪੰਜਾਬੀ ਦੇ ਅਧਿਆਪਕ ਸਾਹਿਬਾਂ ਨੇ ਕਹਿ ਦਿੱਤਾ ਕਿ ਲਾਇਬ੍ਰੇਰੀ ਵਿੱਚੋ ਉਸਦੀ "ਮੇਰਾ ਦਾਗਿਸਤਾਨ " ਨਾਂ ਦੀ ਕਿਤਾਬ ਪੜ੍ਹੋ। ਬਸ ਫੇਰ ਕਿ ਸੀ ਅਧਿਆਪਕਾਵਾਂ ਦਾ ਕਿਹਾ ਥੋੜੀ ਮੋੜੀ ਦਾ ਹੈ...ਆ...
गुरुओं ने कहा था "पवन गुरु, पानी पिता, माता धरत महत..."लेकिन प्रकृति का क्या हाल कर दिया हमने---पंजाब के पानी में भी घोली जा चुकी है प्रदुषण की ज़हरलुधियाना: 6 जून, 2018: कार्तिका सिंह कभी तेज धुप तो कभी झमाझम बारिश। कभी कंपकंपाती सर्दी और चारो तरफ धुंध त...
पीएयू के सुसाईड प्रिवेंशन आयोजन ने सिखाये ज़िंदगी के असली गुर लुधियाना: 16 सितंबर 2017: (कार्तिका सिंह)::मन की दुनिया अजीब दुनिया है;रंग कितने ही यह बदलती है। यह पंक्तियाँ इन दिनों की अख़बार में छपी खबरें देख कर पहले मन में उठीं और फिर&n...
सन 2030 तक दंगे फसादों से मुक्त समाज बनाने का शुभारम्भ लुधियाना: 14 नवम्बर 2016: (कार्तिका सिंह//मन की दुनिया मन के रंग)बहुत बड़ी शक्ति छुपी है मन में। मन जो चाहे करने की क्षमता रखता है। इसे जीत लिया जाये तो दुनिया जीतने की क्षमता पैदा हो जाती है। मन किसी से मि...
मन , मन से भाव है कल्पना का संसार सपनो की दुनिया। जहाँ हमारी कल्पना शक्ति इतनी उँची उड़ती है कि हमारे ख्याल , हमारे भाव आसमान से भी ऊपर उड़ जाते है। कभी यह भाव किसी अपूर्ण इच्छा की पूर्ति का होता है , तो कभी कुछ और। कभी सूर्य के उजाले मे...
बहाने पर बनाता है बहाना बना कर छोड़ेगा मुझको दीवाना गर्मी ने जान निकाल रखी थी। हर रोज़ पढने के लिए जाना किसी पहाड़ से कम न लगता। रोज़ गुस्सा आता कि पता नहीं कब होंगी स्कूल में गर्मी की छुट्टियाँ। घर बदलने के बाद उसी पुराने स्कूल से मोह भी न...