पिछले दिनों एक ऐसी बुकलेट से रूबरू हुई जिसमें सौ महिलाओं की कहानियां दी गई हैं। ये इन महिलाओं की कहानियों से अधिक इस समाज की समस्या को इंगित करती हुई संबोधित है। ये सभी महिलाएं विज्ञान-टेक्नाॅलजी में रची-बसी उच्च शिक्षित महिलाएं हैं जिन्हें शादी और परिवार की...
पोस्ट लेवल : "अधिकार"

0
स्वतंत्रता दिवस के एक दिन पूर्व मीडिया से सम्बंधित मित्र का फोन आया. उन्होंने सूचना का अधिकार अधिनियम सम्बन्धी कुछ जानकारियाँ प्राप्त कीं उसी के साथ-साथ इस अधिनियम को लेकर चल रहे हमारे कार्यों के बारे में भी जानकारी ली. चूँकि वे पहले से परिचित हैं इसलिए जानकारी देन...

0
विमर्शनिर्बल नागरिकों के अधिकारों का हनन*लोकतंत्र में निर्बल नागरिकों की जीवन रक्षा का भर जिन पर है वे उसका जीना मुश्किल कर दें और जब कोई असामाजिक तत्व ऐसी स्थिति में उग्र हो जाए तो पूरे देश में हड़ताल कर असंख्य बेगुनाहों को मरने के लिए विवश कर दिया जाए।शर्म आनी चाह...

0
इस चिट्ठी में, गिलियन थॉमस (Gillian Thomas) की लिखी पुस्तक 'बिकॉस ऑफ सेक्स' (Because of Sex) की समीक्षा है। अमेरिका में, अफ्रीकन अमेरिकन (अश्वेत) लोगों के साथ हमेशा भेदभाव रहा। इसी पर प्रसिद्ध उपन्यास ‘टु किल अ मॉकिंगबर्ड’ लिखा गया। यह पुस्तक एक वास्तविक घटना तथा...

0
बार असोसिएशन के कार्यक्रम में सुप्रीम कोर्ट के जज दीपक गुप्ता बोले-असहमति देशद्रोह नहीं, सरकार आंदोलन को नहीं दबा सकतीअगर किसी पार्टी को 51 फीसदी वोट मिलता है तो इसका मतलब यह नहीं है कि बाकी 49 फीसदी लोग पांच साल तक कुछ नहीं कहेंगे। -जस्टिस दीपक गुप्ता...

0
प्रेम की सर्वश्रेष्ठ निशानी क्लास में जब टीचर ने पूछा कि दुनिया में प्रेम की निशानी किस जगह को कहा जाता है ? तब पूरी क्लास एक आवाज़ में बोली- "ताजमहल" ! लेकिन उन्हीं में से एक छात्र ने जवाब दिया...

0
स्पष्ट रूप से पढ़ने के लिए इमेज पर डबल क्लिक करें (आप उसके बाद भी एक बार और क्लिक द्वारा ज़ूम करके पढ़ सकते हैं ) लोकतांत्रिक मर्यादा भी प्रशासन का दायित्व हैनवीन जोशीभारतीय समाज कठिन दौर से गुजर रहा है। कठिन इस मामले में कि राजनैतिक-सामाजिक विचारों का जो द्वं...

0
सूचना का अधिकार यानि राइट टू इन्फॉर्मेशन (RTI) क़ानून में बदलाव को लेकर मोदी 2.0 सरकार ने कदम बढ़ाया है. इसके लिए संशोधन बिल लोकसभा और राज्यसभा, दोनों सदनों से पास हो चुका है. 25 जुलाई को राज्यसभा में हाईवोल्टेज ड्रामे और विपक्ष के वॉकआउट के बीच संशोधन बिल पा...

0
विमर्शनिर्बल नागरिकों के अधिकारों का हनन*लोकतंत्र में निर्बल नागरिकों की जीवन रक्षा का भर जिन पर है वे उसका जीना मुश्किल कर दें और जब कोई असामाजिक तत्व ऐसी स्थिति में उग्र हो जाए तो पूरे देश में हड़ताल कर असंख्य बेगुनाहों को मरने के लिए विवश कर दिया जाए।शर्म आनी चाह...

0
प्रकृति की, स्तब्धकारी ख़ामोशी की, गहन व्याख्या करते-करते, पुरखा-पुरखिन भी निढाल हो गये, सागर,नदियाँ,झरने,पर्वत-पहाड़, पोखर-ताल,जीवधारी,हरियाली,झाड़-झँखाड़,क्या मानव के मातहत निहाल हो गये?नहीं !...... कदापि नहीं !औद्योगिक क्राँति,पूँजी का...