नववर्ष 2022। हिंदी साहित्य और प्रकाशन जगत को इस वर्ष से बहुत उम्मीदें हैं। समकालीन साहित्यिक और प्रकाशन परिदृश्य से जिस तरह का समाचार प्राप्त हो रहा है वो बेहद उत्साहजनक है। इस समय हिंदी साहित्य में कई पीढ़ियां एक साथ सृजनरत हैं। एक तरफ रामदरश मिश्र और विश्वनाथ त्र...
पोस्ट लेवल : "अमिताभ बच्चन"

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देश की राजधानी में पर्यावरण एक बार फिर से खतरे में है। इसलिए फिर से पर्यावरण के लिए युद्ध लड़ने का समय आ गया है। युद्ध की तैयारी के लिए पर्यावरण से चले पिछले युद्धों की फाइलों को जल्दबाजी में टटोला जा रहा है। उन फाइलों का अध्ययन कर पीछे देख आगे चल का फा...

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फिल्म अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद हिंदी फिल्म जगत लगातार एक के बाद एक विवाद में घिरता जा रहा है। हिंदी फिल्म जगत का ये विवाद पिछले दिनों संसद में भी गूंजा जब गोरखपुर से भारतीय जनता पार्टी के सांसद और भोजपुरी फिल्मों के अभिनेता रवि किशन ने ड्रग्स का माम...

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एक कुण्डलियाऔकातअमिताभ बच्चन-कुमार विश्वास प्रसंग*बच्चन जी से कर रहे, क्यों कुमार खिलवाड़?अनाधिकार की चेष्टा, अच्छी पड़ी लताड़अच्छी पड़ी लताड़, समझ औकात आ गयी?क्षमायाचना कर न समझना बात भा गयीरुपयों की भाषा न बोलते हैं सज्जन जीबच्चे बन कर झुको, क्षमा कर दें बच्चन जी...

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कोरोना की वजह से सभी सिनेमा हॉल बंद हैं, नई फिल्मों की शूटिंग नहीं हो पा रही है, जिन फिल्मों की शूटिंग पूरी हो गई हैं उनकी एडिटिंग और डबिंग आदि नहीं हो पा रही हैं। सिनेमा हॉल्स के बंद होने की वजह से फिल्मों की रिलीज लगातार टलती जा रही है। फिल्मों में पैसे निवेश कर...

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इस वक्त पूरी दुनिया में एक तिलिस्मी वायरस कोरोना का खौफ जारी है। अपने देश में भी कोरोना की वजह से लॉकडाउन चल रहा है. आवश्यक सेवाओं को छोड़कर सबकुछ बंद कर दिया गया है। सड़कों पर सन्नाटा का साम्राज्य है लेकिन देश की जनता का मनोबल ऊंचा है। सबके मन में बस एक ही बात चल...

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अमिताभ की अदाकारी ने भारतीय फिल्म जगत को गहरे तक प्रभावित किया। पहले तो कहानीकारों ने उनकी फिल्मी छवि को ध्यान में रखकर कहानियां लिखीं। उनके बोलने के अंदाज को ध्यान में रखकर डॉयलॉग लिखे गए। वर्ष 1980 तक आते आते अमिताभ बच्चन की छाप हिंदी सिनेमा पर इतनी गहरी हो गई कि...

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1942 एक ऐसा वर्ष है जिसने भारत की राजनीति, कला और पत्रकारिता पर अपनी अमिट छाप छोड़ी। इसी साल अंग्रेजों के खिलाफ निर्णायक लड़ाई का सूत्रपात हुआ जब महात्मा गांधी ने अंग्रेजों भारत छोड़ो का नारा बुलंद किया। इसी वर्ष झांसी की ऐतिहासिक धरती से दैनिक जागरण का प्रकाशन का...

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कभी-कभी मेरे दिल में ख्याल आता है... आप जो समझ रहे हैं ऊ बात नहीं आता है... असल में बात ओही है, लेकिन कोनो बात को सीधा-सीधी कह दिये त आपको कइसे लगेगा कि ई हम कह रहे हैं. काहे कि हमरा सुरुए से ई आदत रहा है कि कान कहियो सीधा तरफ से नहीं धरते हैं. बिना घुमाकर का...

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फिल्म :- पैडमैननिर्देशक :- आर बाल्कीस्टार कास्...