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पोस्ट लेवल : "अलबेला"

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सभी चिट्ठाकार मित्रों को सादर नमस्ते।।आज २१ मार्च है … आज ही के दिन सन 1857 के प्रथम भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम के अग्रदूत मंगल पाण्डेय ने विद्रोह की शुरुआत की थी। जब गाय व सुअर कि चर्बी लगे कारतूस इस्तमाल में लेने का आदेश हुआ तब बैरकपुर छावनी में बंगाल नेटिव...

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ठिकाने बदल जाते हैंठिठक जाते हैं दौड़ने वालेजीतने वाले, जिताने वालेफिर भी सब मतवाले हैंखुद को जिंदा मारे हैं मालूम है उन्हेंजानते हैं वहलटके हुए हैं सबके पैरउस कब्र परजो चाहे अनखुदी हैदिखाई नहीं देती हैपर मौजूद है। यह मौजूदगीइंसान की हैइंसानियत की भी हो...

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प्रिय मित्रों,प्रणाम |फेसबुक पर विभिन्न मित्रों के माध्यम से मिली सूचना के आधार पर आज आप सब से मदद की गुहार लगा रहा हूँ | 20 अप्रैल 2012 को मैनपुरी प्रदर्शनी मे आयोजित हुए अखिल भारतीय कवि सम्मेलन मे भाग लेने आए हास्य कवि और ब्लॉगर श्री Albela Khatri जी से रूबर...

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मेरे पिछ्ले पोस्ट मे हुए टंकण त्रुटि पर ललित शर्मा जी की टिप्पणी पर भाई शरद कोकाश जी ने लिखा 'ललित जी के लिये एक शोध विषय का सुझाव - " देवकीनन्दन खत्री से अलबेला खत्री तक हिन्दी की यात्रा ". देवकीनन्दन खत्री जी का नाम हिन्दी के विश्व मानस पटल मे जाना पहचाना है. शरद...

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कल उड़न तश्तरी पर समीर भाई के सुभाषित का आनंद ले रहा था कि उनके एक सुभाषित पर नज़र पड़ी ..”प्रशंसा और आलोचना में वही फर्क है जो सृजन और विंध्वस में “ अरे.. मैने कहा यह तो मेरे ब्लॉग के काम की चीज़ है । याद आया अभी पिछले दिनों मैने एक पोस्ट में महावीर अग्रवाल द्वा...