ब्लॉगसेतु

YASHVARDHAN SRIVASTAV
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दिल को सुकून देतीवो मधुर संगीत हैआंखो में चमक भर देतावो तारा संगीत है।मन को खुश कर देतीवो धूप संगीत हैकमजोरी को हिम्मत देतावो साहरा संगीत है।जिंदगी को उम्मीद देतीवो भरपूर संगीत हैहौसलों में जुनून भर देतावो उजियारा संगीत है।चेहरे पर मुस्कान ला देतीवो सुकून सा संगीत...
मधुलिका पटेल
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ये खामोशियाँ और इनके अन्दर छिपी हुई सिसकियाँ , हिचकियाँ बहुत धीमे धीमे घुटती आवाज़ कानों में उड़ेल जाती हैं ढेर सारा गर्म लावा वो स्लो पॉयजन फैलता जाता है दिमाग की नसों में और वहाँ जा कर कोलाहल बन जाता है मैं भ...
kavita verma
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पिछले कुछ दिनों में महिलाओं के धार्मिक स्थलों में प्रवेश को लेकर फिर बवाल मचा। रूढ़िवादी इसे धर्म और धार्मिक आस्था पर प्रहार मान रहे है तो प्रगतिशील इसे बदलाव का शुभ संकेत। इस बहस से एक बार फिर स्त्री पुरुष समानता की चर्चा जोरों पर है वहीँ स्त्रियों के अधिकारों...
 पोस्ट लेवल : आवाज़ अन्धविश्वास
विजय राजबली माथुर
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अखबार पढ़ने का शौक तो बचपन ही से था तभी तो बाबूजी लखनऊ में  रविवार  को   'स्वतंत्र भारत'का साप्ताहिक अंक 1959-60 में  6-7 वर्ष की उम्र से ही मुझे खरीद देते थे । फिर लखनऊ से बरेली जाने पर आफिस की क्लब से  क्रांतिकारियों के उपन्यास,धर्मय...
yogendra pal3
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seema sachdeva
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छुअनमाँ बार-बार देखती थी छूकरजब भी कभी जरा सा गर्म होतामेरा माथाचिढ जाती थी मै माँ कीऐसी हरकत परगुस्सा भी करतीपर माँटिकती ही न थीबार-बार छूने सेगुस्से और चिड-चिडाहट कीप्रवाह न करतीतब तक न हटतीजब तक मेरे मस्तक कोठण्डक न पहुँच जातीन जाने बार-बार छुअन सेक्या तस्सली मि...
yogendra pal3
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yogendra pal3
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yogendra pal3
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