"दादी माँ, दादी माँ...मैं भी आपके साथ चलता हूं सब्जी खरीदने।" दस साल के अनिल ने कहा। "नहीं बेटा, बाहर कोरोना है!" "अब तो सब अनलॉक हो रहा है। देखों न रास्ते पर भी कितनी भीड़ है। प्लीज़ मुझे ले चलो न। कितने महीने हो गए मुझे आपके साथ बाजार गए। मैं मास्क लगाकर...
पोस्ट लेवल : "इंसानियत"

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--मदहोश निगाहें हैं, खामोश तराना हैमासूम परिन्दों को, अब नीड़ बनाना है--सूखे हुए शजरों ने, पायें हैं नये पत्तेबुझती हुई शम्मा को, महफिल में जलाना है--कुछ करके दिखाने का, अरमान हैं दिलों मेंउजड़ी हुई दुनिया को, अब फिर से बसाना है--...

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मुझे याद आ गया ३०-३२ साल पुराना वो दिन जब मैं मुंबई में नया नया था , इलाकों के बारे में अधिक जानकारी नहीं थी | बस एक दिन बैंक से निकला और मुंबई के कमाठीपुरा के पीला हाउस वाली सड़क में चल पड़ा इरादा था की मुंबई सेंट्रल की तरफ जा के देखा जाय कैसा इलाका है |
उस...

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दायरे में सिकुड़ रही स्वतंत्रता, पनीली कर सकूँ ऐसा नीर कहाँ से लाऊं ? कविता सृजन की आवाज़ है चिरकाल तक जले, कवि हृदय में वो आग कैसे जलाऊं ? समझा पाऊँ शोषण की परिभाषा, ऐसा तर्क कहाँ से लाऊं ? स्वार्थ के...

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आहत हुए अल्फ़ाज़ ज़माने की आब-ओ-हवा में, लिपटते रहे हाथों में और सीने में उतर गये, अल्फ़ाज़ में एक लफ़्ज़ था मुहब्बत, ज़ालिम ज़माना उसका साथ छोड़ गया, मुक़द्दर से झगड़ता रहा ता-उम्र वह, मक़ाम मानस अपना बदलता गया,&nbs...

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अरब मैं जब इस्लाम आया था तो वहाँ ग़रीबी भी थी, जहालत भी थी. हज़रत मुहम्मद (स.अ.व) के किरदार को उन लोगों ने इतना बुलंद देखा, कि ईमान ले आये, इस्लाम कुबूल कर लिया।
इस्लाम हकीकत मैं किरदार की बुलंदी से फैला है और इस सुबूत यह है की हज़रत मुहम्मद (स.अ.व) ने एल...

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हज़रत इमाम जाफ़रे सादिक अलैहिस्सलाम मक्का व मदीने के दरमियान का रास्ता तय कर रहे थे। मसादफ़ आप का मशहूर गुलाम भी आप के साथ था कि अस्नाए राह में उन्होंने एक शख़्स को देखा जो दरख़्त के तने पर अजीब अन्दाज़ से पड़ा हुआ था। इमाम ने मसादफ़ से फ़रमाया, उस शख़्स की तरफ़ च...

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******अपूर्वानंदअंकित सक्सेना के पिता ने पिछले हफ़्ते इफ़्तार का आयोजन किया। इफ़्तार जब एक हिंदू आयोजित करता है तो उसे छद्म धर्मनिरपेक्ष कहा जाता है। लेकिन अंकित सक्सेना के पिता को ऐसा अपशब्द कहने की हिमाक़त शायद इस शब्द को चलन में लाने वाले लालकृष्ण आडवाणी भी न क...

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जीवन में चढ़ते-घटते प्रपंच का बवालआज तड़के दर्शन हो गएफिर से एक बवाल के चीख़ती नज़र आईरमा बहू सास के तीखे प्रहार से।कर अनसुनी क़दम ढोकरबढ़ गया मैं सू गली का चौराहा &nb...

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Uma Raag 10-07-2017 *_नफरत और हिंसा से नाता तोड़ो – इंसानियत और एकता से रिश्ता जोड़ो !!_**_देश के संविधान के साथ जन-संकल्प अभियान !!_*(दिल्ली के विभिन्न इलाकों में 15 जुलाई से 15 अगस्त तक)*_आंदोलनकारी मज़दूरों-किसानों और छात्रों-नौजवानों का साथ दो!_**_फूट डा...