अभी कुछ कुछ हुआ है उजालापर सवेरा होना बाकी है।अभी मिली हैं आँखें उनसेपर दिल मिलना बाकी है।पेड़ों के अभी कुछ कुछ पत्ते झरे हैंपर हरियाली अभी बाकी है।अभी तो मैंने देखा है एक चाँदपर उससे मुलाकात अभी बाकी है।सुसख हवा चली है कुछ कुछपर गर्मी आना बाकी है।अभी दो चार हुई हैं...
पोस्ट लेवल : "उजाला"

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तू चिंगारी बनकर उड़ री, जाग-जाग मैं ज्वाल बनूँ,तू बन जा हहराती गँगा, मैं झेलम बेहाल बनूँ,आज बसन्ती चोला तेरा, मैं भी सज लूँ लाल बनूँ,तू भगिनी बन क्रान्ति कराली, मैं भाई विकराल बनूँ,यहाँ न कोई राधारानी, वृन्दावन, बंशीवाला,तू आँगन की ज्योति बहन री, मैं घर का पहरे वाल...

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वैराग्य छोड़ बांहों की विभा सम्भालो,चट्टानों की छाती से दूध निकालो,है रुकी जहां भी धार, शिलाएं तोड़ो,पीयूष चन्द्रमाओं का पकड़ निचोड़ो।चढ़ तुंग शैल शिखरों पर सोम पियो रे!योगियों नहीं विजयी के सदृश जियो रे!जब कुपित काल धीरता त्याग जलता है,चिनगी बन फूलों का पराग जलता...

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पुकार उसे कि अब इस ख़ामुशी का हल निकले,जवाब आये तो मुम्किन है बात चल निकले।ज़माना आग था और इश्क़ लौ लगी रस्सी,हज़ार जल के भी कब इस बला के बल निकले!मैं अपनी ख़ाक पे इक उम्र तक बरसता रहा,थमा तो देखा कि कीचड़ में कुछ कमल निकले।मैं जिसमें ख़ुश भी था, ज़िन्दा भी था,तुम्हारा भी...

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दुष्यन्त' चले गए और 'अदम' चले गए,ग़ज़ल तुम्हारे ज़ख़्म के मरहम चले गए।मैं एक शेर तो पढ़ूं मगर दाद कौन देगा,मेरी शायरी से पहले मोहतरम चले गए।उनको मर जाने से इतना फायदा हुआ,ज़िंदगी से बिछुड़कर सारे ग़म चले गए।इतनी दुआएं दी कि मालामाल हो गया,फ़कीर के कासे में जो दिरहम...

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विवादप्रिय भारतीय समाज में अनर्गल प्रलाप करके विवादों को जन्म दिया जाता है. कभी किसी नाटक के विरोध में खड़ा हुआ जाता है, कभी किसी फिल्म के विरोध में तो कभी किसी गाने को लेकर गुस्सा प्रकट किया जाता है परन्तु अब लगता है कि इस समय सभी पार्टियाँ स्वार्थ को पूर्ण करने मे...

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भारतीय प्रतिभा पलायन से प्रधानमंत्री भी अब चिंतित हैं. ग्यारह भारतीय वैज्ञानिकों को सम्मानित किये जाने के अवसर पर उनकी चिंता सामने आई. प्रत्येक सरकार को प्रत्येक अलंकरण समारोह के दौरान ही प्रतिभा पलायन की चिंता सताती है. प्रतिभाओं का देश को छोड़ कर विदेशों को गमन कर...

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यदि आपसे पूछा जाये कि देश बड़ा या पैसा तो संभव है कि शेखी मारने के लिए आप देश को बड़ा कर दें. वैसे कुछ लोग अभी भी ऐसे हैं जो कि वाकई देश प्रेमी हैं और कुछ ऐसे हैं जो वाकई धन प्रेमी हैं. लेकिन जब कभी स्थिति ऐसी फँस जाए कि देश बंधन के बीच की ही स्थिति आ जाये तो शायद कु...

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मोहब्बत हो गई जिस को उसे अब देखना क्या हैभला क्या है बुरा क्या है सज़ा क्या है जज़ा क्या हैज़रा तुम सामने आओ नज़र हम से तो टकरावकिसे फिर होश हो तुम ने कहा क्या है सुना क्या हैमोहब्बत जुर्म ऐसा है कि मुजरिम है खड़ा बे-सुधकिया क्या है गुनह क्या है सज़ा क्या है ख़ता क...

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सूखे-अकड़ेपत्ते खड़केतो ज्ञात हुआ वायु जाग रही हैग़रीब की बिटिया ने जो दीपक जलाया थासाँझ ढले बस थोड़े-से तेल में बाती भिगोकरजलकर बुझ गया है भानु के चले जाने के बाद भी रौशनी की याद ताज़ा करने का चलन अब विश्वास में ढल गया है&n...