ब्लॉगसेतु

Kajal Kumar
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sanjiv verma salil
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शारद वंदनालाक्षणिक जातीय पद्मावती/कमलावती छंद*शारद छवि प्यारी, सबसे न्यारी, वेद-पुराण सुयश गाएँ।कर लिए सुमिरनी, नाद जननि जी, जप ऋषि सुर नर तर जाएँ।।माँ मोरवाहिनी!, राग-रागिनी नाद अनाहद गुंजाएँ।सुर सरगमदात्री, छंद विधात्री, चरण - शरण दे मुसकाएँ।।हे अक्षरमाता! शब्द प...
Yashoda Agrawal
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दैणा होया रे खोली का गणेशा हो सेवा करूंल ।(1-अर्थ= दैणा होया= (कृपा करना),  खोली =(मुख्य द्वार पर स्थापित)2दैणा होया रेपंचनाम देवताअसीक दिया ।( 2- असीक =आशीष)3मेरो पहाड़हरयूँ  छ भरयूँआंख्यों मां  बस्युं ।(3- अर्थ -हरयूँ  छ भरयूँ =ह...
 पोस्ट लेवल : हाइकु कमला निखुर्पा
sanjiv verma salil
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स्मरणांजलि:कमला देवी चट्टोपाध्याय आचार्य संजीव वर्मा 'सलिल'*कमला देवी चट्टोपाध्याय भारतीय नारी के नवजागरण काल ही अविस्मरणीय विभूति रहीं हैं। स्वतंत्रता सत्याग्रही, समाज सुधारक, नाट्य कला उन्नायक, हथकरघा विकासक तथा हस्त शिल्प संरक्षक के रूप में उनका योगदान...
Shreesh Pathak
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प्रेम...! पीढियां गुजरती हैं, लोग आते-जाते हैं. प्रेम बना रहता है. इसके बस कायदे उलट-पुलट होते रहते हैं पर ये बना रहता है पुरी शिद्दत के साथ. नीतेश मिश्र जी की कविता एक अल्हड़ अलहदे अंदाज की कविता है और इस पर टीप कर रहे हैं डॉ.कमलाकांत यादव जी. आइये गुजरते...
Shreesh Pathak
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डॉ. विवेक कुमारअर्थ को शब्द का सहारा तो चाहिए ही. इस सहारे के खतरे को उठाने के बाद भी शब्द अपरिहार्य तो हैं ही. कोई इन खतरों का फायदा उठा लेने की फिराक में है. नारे गढ़कर वो विकास को कभी पानी बनाकर घर के रसोई तक पहुँचाने का वादा करता है तो कभी नौकरी के नारे गुंजा कर...
विजय राजबली माथुर
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माँ जी व बाबूजी साहब,1999 में आगरा में हवन करते हुये वैसे आर्यसमाज का  विधिवत सदस्यता फार्म तो 13 जूलाई 1997 को ही भरा था और उस समय पूनम पटना गई हुई थीं। परंतु जून 1994 में आर्यसमाज से प्रथम संपर्क तब हुआ था जब शालिनी के निधन के बाद हवन कराने पुरोहित जी आए थे।...
विजय राजबली माथुर
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कमल हासन  जी के सजीव अभिनय का यह वीडियो उनके 'कर्म'के प्रति समर्पण का ज्वलंत प्रतीक है। नीचे प्रस्तुत उनके विचार स्तुत्य एवं अनुकरणीय हैं। स्कैन को डबल क्लिक करके सुगमता पूर्वक पढ़ा जा सकता है। -बड़ी ही ईमानदारी और बेबाकी के साथ कमल हासन जी ने अपने विचारों को...
वंदना अवस्थी दुबे
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गत २५ मार्च २०१२ को डॉ. कमलाप्रसाद की पुण्यतिथि के अवसर पर सतना में स्मृति-समारोह आयोजित किया गया. आप भी शामिल हों, इन चित्रमय झलकियों के साथ.... तस्वीरों में क्रमश: डॉ. अजय तिवारी, महेश कटारे, डॉ. काशीनाथ सिंह, कमलाप्रसाद जी की बेटियां और पत्नी श्रीमती रामकली पा...
वंदना अवस्थी दुबे
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25 मार्च 2011सुबह आठ बजे दिल्ली से राजीव शुक्ल जी का फोन आया. आता ही रहता है, हम लोगों के हाल-चाल लेने के लिये, सो सहज भाव से फोन उठाया, और प्रसन्नचित्त ’ हैलो’ भेजा. उधर से राजीव जी ने कहा-"वन्दना, एक बुरी खबर है, कमला जी नहीं रहे"मोबाइल हाथ से छूटते-छूटते बचा."...
 पोस्ट लेवल : कमलाप्रसाद संस्मरण