कार्यशाला: कुण्डलियाकार्यशाला षट्पदी (कुण्डलिया )*आओ! सब मिलकर रचें, ऐसा सुंदर चित्र। हिंदी पर अभिमान हो, स्वाभिमान हो मित्र।। -विशम्भर शुक्ल स्वाभिमान हो मित्र, न टकरायें आपस में।फूट पड़े तो शत्रु, जयी हो रहे न बस में।।विश्वंभर हों सदय, काल को जूझ हर...
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कार्यशालाषट्पदी (कुण्डलिया )आओ! सब मिलकर रचें, ऐसा सुंदर चित्र।हिंदी पर अभिमान हो, स्वाभिमान हो मित्र।। -विशम्भर शुक्लस्वाभिमान हो मित्र, न टकरायें आपस में।फूट पड़े तो शत्रु, जयी हो रहे न बस में।।विश्वंभर हों सदय, काल को जूझ हराओ।मोदक खाकर सलिल, गजानन के गुण गाओ।। -...

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कार्यशाला-दोहा से कुण्डलियारीता सिवानी-संजीव 'सलिल*धागा टूटा नेह का, बंजर हुई ज़मीन।अब तो बनकर रह गया, मानव एक मशीन।।मानव एक मशीन, न जिसमें कुछ विवेक है।वहीं लुढ़कता जहाँ, स्वार्थ की मिली टेक है।।रीता जैसे कलश, पियासा बैठा कागा।कंकर भर थक गया, न पानी मिला अभागा।।*१०...

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हाकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद के जन्मदिन, विश्व खेल दिवस पर.....शत-शत नमनहॉकीहाकी कल पहचान थी, आज हुई गुमनामखेल स्वदेशी खो गये , सिर चढ़ बैठा दामसिर चढ़ बैठा दाम , शुरू अब सट्टेबाजीलाखों लाख कमायँ,नहीं भरता उनका जीकलुषित है माहौल , कहाँ सच्चाई...
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बरखा रानी दे रही, अधरों पर मुस्कानधान बुआई कर रहे, हर्षित भये किसानहर्षित भये किसान, जगी मन में फिर आशापनपता हरित स्वर्ण, पलायन करे निराशाकहती शशि यह सत्य, हुआ मौसम नूरानी खिले खेत खलियान, बरसती बरखा रानी बीड़ी,गुटका,त...

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हास्य कुण्डलिया *राम देव को देखकर, हनुमत लाल विभोर। श्याम देव के सँग में, बाल मचाते शोर।।बाल मचाते शोर, न चाहें योग करें सब।दाढ़ी-मूँछें बाल, श्याम; आधी धोती अब।। तुंदियल गंजे सूट, टाई शू पहन चेककर।करें योग फट गई, सिलाई छिपे देखकर।।***२७.७.२०१८&...

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सहयोगाधारित सामूहिक कुण्डलिया संग्रह: विश्व वाणी हिंदी संस्थान जबलपुर के तत्वावधान में दोहा शतक एकादशी के ४ खंडों में ४४ दोहाकारों के १००-११० दोहे प्रकाशित करने के बाद, सहयोगाधारित सामूहिक कुण्डलिया संग्रह किया जाना विचाराधीन है. हर कुण्डलीकार की २०-२० कुण्डलि...

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दोहा सलिला*चित्रगुप्त का गुप्त है, चित्र न पाओ देख।तो निज कर्मों का करो, जाग आप ही लेख।।*असल-नक़ल का भेद क्या, समय न पाया जान।असमय बूढ़ा हो गया, भुला राम-रहमान।।*अकल शकल के फेर में, गुम हो हुई गुलाम।अकल सकल के फेर में, खुद खो हुई अनाम।।*कल-कल करते कल हुआ, बेकल मन बेच...
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१गंगा के तट पर सभी, मानव करते कामधोना कपडा व पूजा, धरम करम के नामधरम करम के नाम, करें तर्पण चीजों का पाप पुण्य संग्राम, विषैला मन बीजों काकहती शशि यह सत्य, न करो नदी से पंगा अतुल गुणों की खान, विषैली होती &...

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कार्यशाला: कुण्डलिया एक : कवि दो राधा मोहन को जपे, मोहन राधा नाम।अनहोनी फिर भी हुई, पीड़ा उम्र तमाम।। -सुनीता सिंह पीड़ा उम्र तमाम, सहें दोनों मुस्काते। हरें अन्य की पीर, ज़िंदगी सफल बनाते।। श्वास सुनीता आस, हुई संजीव अबाधा। मोहन राधा नाम, जपे मोहन को राधा।। -संजीव...