ब्लॉगसेतु

Asha News
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कलेक्टर ने सभी नागरिकों से वैक्सीनेशन की अपील की रतलाम। डेढ़ साल में रतलाम में पहली बार बुधवार को यह स्थिति बनी कि एक भी कोरोना एक्टिव पेशेंट नहीं है। कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम ने इस सुखद स्थिति के लिए नागरिकों की सजगताए सतर्कता एवं चिकित्सकीय व्यवस्थाओं की सरा...
 पोस्ट लेवल : कोरोना रतलाम Medical
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कोरोना के काल को, झूंठलाए जो लोग।खुद शिकार वो हो गए , और बढ़ाए रोग।।दो गज दस मीटर बना, मास्क बना अनिवार्य,आफिस घर बाहर सभी,पहन करो सब कार्य।।अगर भीड़ हो, संशय कुछ हो,कहीं संक्रमित, टहल गया हो,शरमाओ ना मास्क,पहन लो,गली मोहल्ला, अपना घर हो।।गले मि लो न...
Kavita Rawat
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कोरोना की मार झेलकर 10 दिन बाद हाॅस्पिटल से घर पहुंचा तो एक पल को ऐसे लगा जैसे मैंने दूसरी दुनिया में कदम रख लिए हों। गाड़ी से सारा सामान खुद ही उतारना पड़ा। घरवाले दूरे से ही देखते रहे, कोई पास नहीं आया तो एक पल को मन जरूर उदास हुआ लेकिन जैसे ही मेरे राॅकी की नजर मु...
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*****************कोरोना है डरा रहा, चुन चुन करे शिकारआंख बन्द माने नहीं , शामिल हुए हजार।***************कोरोना से मत डरो, अपनाओ सब ढालहृष्ट पुष्ट ताकत रखो,कर लो प्राणायाम,*************काढ़ा भाप गर्म पानी लो,घर में करो आराम,मास्क सैनिटाइजर ना भूलो,बाह...
sangeeta swarup
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 श्रद्धांजलि देते देते लगने लगा है कि खुद हम भी किसी चिता का अंश बन गए हैं ।गर इस एहसास से निकलना है बाहर तो कर्म से च्युत हुए बिना जियो हर पल और निर्वहन करते हुए अपनी जिम्मेदारियों का सोचो कि&nb...
जेन्नी  शबनम
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 कोरोना ******* 1. ओ कोरोना,   है कैसा व्यापारी तू   लाशों का करता व्यापार तू   और कितना रुलाएगा   कब तक यूंँ तड़पाएगा   हिम्मत हार गया संसार   नतमस्तक सारा संसार   लाशों से ख़...
 पोस्ट लेवल : कोरोना
जेन्नी  शबनम
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पतझर का मौसम ******* पतझर का यह मौसम है   सूखे पत्तों की भाँति चूर-चूरकर   हमारे अपनों को   एक झटके में वहाँ उड़ाकर ले जा रहा है   जहाँ से कोई नहीं लौटता,   कितना-कितना तड़पें   कितना-कितना रो...
 पोस्ट लेवल : कोरोना मृत्यु कविता
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उग गया बोया गया या उड़ के आयाफूला अब तो फल रहा विषाणु बनकरभोर को लूटा गया मिटते उजालेखींचती है भींचती अब काल रात्रि है भयंकरशिव हैं शव है औ मरुस्थल भस्म सारीरोती आंखें आंधियां तू फां बवंडरसांस अटकी थरथराते लोग सारेरेत उड़ती फड़ फड़ाते पिंड पिंजरगुल गुलिस्तां हैं हु...
sangeeta swarup
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नमी आँखों की अब छुपा ली है हर इक ख्वाहिश यूँ दिल में पाली है  ।पँखों में थी कहाँ परवाज़ भलाकदमों में ख़ुद की ज़मीन पा ली है ।फकीरी में हो रहे यूँ मस्त मलंगदिल से हसरत भी हर मिटा ली है ।साकी की अब नहीं तलाश मुझेमेरे हाथों में तो जाम खाली है ।मुन्तज़िर मैं नहीं...
roushan mishra
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 हमारे क्युबिकल में उनकी एंट्री शाम के लगभग 7 बजे हुयी। एसजीपीजीआई लखनऊ के राजधानी कोरोना हॉस्पिटल में हमारे क्युबिकल के छह बेड्स पर अब सिर्फ तीन मरीज थे। क्युबिकल थोड़ा खाली खाली लगता है तो अच्छा लगता है कि मरीज कम हो रहे हैं और हमारे भी जल्दी ही ठीक होकर जाने...