अनीता सैनी 26 क़ुदरत की कही कहानी गूँगी गुड़िया फेसबुक ट्विटर गूगल 03 अक्टूबर 2019 12:40 अपराह्न रिपोर्ट स्पैम आंकड़े साहित्य उसकी ख़ामोशी खँगालती है उसे, वो वह नहीं है जो वह थी, उसी रात ठंडी पड़ चुकी थी देह उसकी, हुआ था उसी रात उसका एक नया जन्म, एक पल ठहर गयीं थीं साँसें उसकीं, खुला आसमां हवा में साँसों पर प्रहार, देख चुकी थी अवाक-सी वह, ... पोस्ट लेवल : सार सफ़र कही ख़ामोशी कहानी खँगालती आसमाँ क़ुदरत जीवन बादल