रंग-बिरंगे पर फड़काती, तितली जब बगिया में आती सब बच्चो के मन को भाती, सब बच्चो का जी ललचाताफूलो के ऊपर मंडराती, पत्तों के पीछे छिप जाती रंगत कैसे इतनी पाती नहीं किसी को भी बतलातीजी में आता उसे पकड़कर हम अपने घर में ले आए ...
पोस्ट लेवल : "खीर"

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है ज़िंदगी को कैसी जलन हाय इन दिनों है मौत के माथे पे शिकन हाय इन दिनों शायद मेरे ज़मीर को फ़ुर्सत न आई रास रहती है बेवजह सी थकन हाय इन दिनों रंगत रही न शोख़ियाँ, ना ख़ुशबु ना ख़ुलूस वीरान है हर एक अंजुमन हाय इन दिनों या मौला इस अज़ाब ने ब...

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उड़ते - उड़ते एक दिन, जा बैठूं किसी मुंडेर पर... खिलखिलाती हो हंसी जहाँ, हों खुशियां छोटी - छोटी। प्यार करें इक - दूजे से सब, मिलजुल कर खाएं रोटी।उड़ते - उड़ते एक दिन, जा बैठूं किसी मुंडेर पर... न हो शोर - शराबा जहाँ, बस सुने मधु...

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Ingredients:Louki- Gourd - HalfMilk 2%- 1 Litre Clarified Butter- Ghee- 1 1/2 Tea SpoonGreen Cardamom - 2Almond Flakes- 2 Tea SpoonCashew nuts – 10 – 12Sweetened Shredded Coconut – ½ CupSugar – 1 ½ Tea SpoonOur FB page:https://www.facebook.com/ufo...

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खड़े है मुझको खरीदार देखने के लिए मै घर से निकला था बाज़ार देखने के लिए हज़ार बार हजारो की सम्त देखते है तरस गए तुझे एक बार देखने के लिए कतार में कई नाबीना लोग शामिल है अमीरे-शहर का दरबार देखने के लिए जगाए रखता हूँ सूरज को अपनी पलकों पर&n...

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Ingredients:मखाना – Lotus Seed – 1 Cupचिरोंजी - Charoli Seeds – 3 Tea Spoonकाजू – Cashew - 1/4 Cupकिशमिश – Raisin – 1/4 Cupबादाम – Almond – 1 /4 Cupनारियल का बुरादा – Coconut Powder - 2 Tea Spoonदूध – Milk - 1.25 Litersघी – Clarified Butter – 1 Te...

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पढ़ने में मज़ा तो है आता इन छाओं में, घनघोर अशुद्धियां हैं तेरी कविताओं में पहली अशुद्धि सच लिखना, है दूसरी इनका ना बिकना, चोर ना छिप सकता है इनके गांव में, घनघोर अशुद्धियां हैं तेरी कविताओं में तीसरी अशुद्धि चुभते शब्द, इनमें सब...

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स्पष्ट रूप से पढ़ने के लिए इमेज पर डबल क्लिक करें (आप उसके बाद भी एक बार और क्लिक द्वारा ज़ूम करके पढ़ सकते हैंसर्दियों के मौसम में फ्रूट व सब्जी मार्केट में गाजर की उपलब्धता बहुतायत में रहती है, लेकिन बहुत कम ही लोग जानते हैं कि गाजर काफी फायदेमंद होता है. अगर आप...

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घर की किस्मत जगी घर में आए सजनऐसे महके बदन जैसे चंदन का बन आज धरती पे है स्वर्ग का बाँकपन अप्सराएँ न क्यूँ गाएँ मंगलाचरण ज़िंदगी से है हैरान यमराज भी आज हर दीप अँधेरे पे है ख़ंदा-ज़न उन के क़दमों से फूल और फुल-वारियाँ आगमन उन का मधुमास...

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