ब्लॉगसेतु

अभिलाषा चौहान
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 पोस्ट लेवल : नवगीत
सतीश सक्सेना
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अब और न कुछ कह  पाऊंगा, मन की अभिव्यक्ति मौन सही !कुछ लोग बड़े आहिस्ता सेघर के अंदर , आ जाते हैं !चाहे कितना भी दूर रहें ,दिल से न निकाले जाते हैं !ये लोग शांत शीतल जल मेंतूफान उठाकर जाते हैं !सीधे साधे मन पर, गहरे हस्ताक्षर भी कर जाते हैं !कहने...
शालिनी  रस्तौगी
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 रीता मन - रीते नयन, भीगे-भीगे पल क्या लिखूँ? सूना आँगन - सूना उपवन, उल्लास प्रेम का क्या लिखूँ?   वे सावन संग भीगे थे हम, रुत वसंत झूमे थे संग, मकरंद प्रेम का बिखरा था, बूँदों में तन-मन पिघला था, तुम संग सब मौसम बीते, पतझड़ का सूनापन क्या लिखूँ ?   व...
 पोस्ट लेवल : गीत
सतीश सक्सेना
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जिससे रिश्ता जुड़ा था जनम जन्म से  द्वार पर आ गए , आज  बारात ले !उनके आने से, सब खुश नुमा हो गया !नाच गानों से , घर भी चहक सा गया !पर यह आँखें मेरी, संग नहीं दे रहीं हँसते हँसते न जाने छलक क्यों रहीं  ?आज बेटी ...
jaikrishnarai tushar
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 चित्र साभार गूगलसृष्टि का संहार रोको/युद्ध कभी सुपरिणाम नहीं देताएक सामयिक गीत-क्या यही सुदिनधरा-गगनचाँद-सूर्यसब हुए मलिन ।नायक सेनरभक्षी हो गए पुतिन ।बारूदों सेसारी दुनिया को पाटो,कांतिहीनवीटो हैशक्तिहीन नाटो,मानवताचीख रहीक्या यही सुदिन ।दृष्टिहीनर...
jaikrishnarai tushar
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 चित्र साभार गूगलएक प्रेमगीत-तुमने जिस दीप को छुआलौट गयीपल भर थी चाँदनीदूर अभी भोर के उजाले ।सिरहानेशंख धरे सोयेपर्वत की पीठ पर शिवाले ।यात्राओं मेंसूनापनचौराहों पर जादू -टोने,वासन्ती मेड़ों पर बैठीखेतों में गीत लगी बोने,सूरज कोप्यास लगी शायदझीलों से मेघ उ...
sanjiv verma salil
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सॉनेटधीर धरकर•पीर सहिए, धीर धरिए।आह को भी वाह कहिए।बात मन में छिपा रहिए।।हवा के सँग मौन बहिए।।मधुर सुधियों सँग महकिए।स्नेहियों को चुप सुमिरिए।कहाँ क्या शुभ लेख तहिए।।दर्द हो बेदर्द सहिए।।श्वास इंजिन, आस पहिए।देह वाहन ठीक रखिए।बनें दिनकर, नहीं रुकिए।।असत् के आगे न झ...
sanjiv verma salil
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सॉनेटशारद वंदना•शारदे! दे सुमति कर्म कर।हम जलें जन्म भर दीप बन।जी सकें जिंदगी धर्म कर।।हो सुखी लोक, कर कुछ जतन।।हार ले माँ! सुमन अरु सुमन।हार दे माँ! क्षणिक, जय सदा।हो सकल सृष्टि हमको स्वजन।।बेहतर कर सकें जो बदा।।तार दे जो न टूटें कभी।श्वास वीणा बजे अनहदी।प्यार दे,...
jaikrishnarai tushar
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 चित्र साभार गूगलएक लोकभाषा गीत-प्रेम क रंग निराला हउवैसिर्फ़ एक दिन प्रेम दिवस हौबाकी मुँह पर ताला हउवैई बाजारू प्रेम दिवस हौप्रेम क रंग निराला हउवैसबसे बड़का प्रेम देश कीसीमा पर कुर्बानी हउवैप्रेम क सबसे बड़ा समुंदरवृन्दावन कै पानी हउवैप्रेम भक्ति कै चरम बिंदु...
sanjiv verma salil
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सॉनेटदयानन्द•शारद माँ के तप: पूत हे!करी दया आनंद  लुटाया।वेद-ज्ञान-पर्याय दूत हे!मिटा असत्य, सत्य बतलाया।।अंध-भक्ति का खंडन-मंडन। पार्थिव-पूजन को ठुकराया। सत्य-शक्ति का ले अवलंबन।। आडंबर को धूल मिलाया।। राजशक्ति से निर्भय जूझे। लोकशक्त...