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अविनाश वाचस्पति
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अविनाश वाचस्पति
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इस बार चिडि़यों चींटियों और फूलों को सम्‍मानित करने का है विचार। अगले बरस करेंगे अरहर की दाल मूंग की और मसूर तथा चने की दाल का यथोचित सम्‍मान। किसी को हो आपत्ति तो खेले आकर तीन पत्‍ती तीनों पत्तियां भिन्‍नकलर की हों। प्‍याज, आलू, बैंगन जैसे चेहरों को भी अब कहां छोड...