ब्लॉगसेतु

Bhavana Lalwani
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"An Exotic Woman, A Delusional Woman, asking for Attention."  This is how I would like to start  my Blabber.कुछ दो या तीन बरस हुए मुझे मेरे जन्मदिन पर एक नोटबुक तोहफे में मिली, जिसका कवर देखते ही मेरा मन उस पर अटक गया।  और साहब यह लीजिये उस कवर पर जो...
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--प्रतिज्ञादिवस में प्रतिज्ञा कहाँ है?प्रज्ञा जहाँ है, प्रतिज्ञा वहाँ है।।--छाया हुआ रूप का ही नशा है,जवानी में उन्माद ही तो बसा है,दिखावे ने अपना शिकंजा कसा है,प्रतिज्ञादिवस में प्रतिज्ञा कहाँ है?प्रज्ञा जहाँ है, प्रतिज्ञा वहाँ है।।--बिना स्नेह के दीप कैसे जलेगा?ब...
Dr. Priyanka Jain
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... "सुकूँ के दरवाजे साकी खुले छोड़ गया.. जाने कौन रुका और क्या बह गया.. तुम मौलिक अधिकार का प्रचार करते रहे.. मेरा जुनून किस आँगन बिक गया.. किस्से बेशुमार सजे जिस शब..नाम उसके ज़िंदगानी कर गया.. कैसे कहूँ कि तुम वो नहीं..देखो,शिखर-ए-आज़ादी लुट गया.. महफ़िल दरीच...
 पोस्ट लेवल : ज़िन्दगी..
kumarendra singh sengar
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एक पुरानी फिल्म का गीत है, ज़िन्दगी इम्तिहान लेती है, इस गीत का नहीं बस इतने शब्दों का सार वास्तविक समझ आता है। गीतों में, कविताओं में गहराई छिपी होती है, एक संदेश छिपा होता है। कुछ इसी तरह की स्थिति इन शब्दों में है। ज़िन्दगी का एक-एक पल व्यक्ति की परीक्षा तो लेता...
 पोस्ट लेवल : ज़िन्दगी परीक्षा
शेखर सुमन
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Bhavana Lalwani
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"दो सदियों के संगम पर मिलने आये हैं, एक समय लेकिन दो सदियां , दो सदियां ". "तुम गाने भी इतने बोरिंग और डिप्रेसिंग किस्म के गाती  हो कि  मेरा मन होता है  कि अभी यहां से भाग जाऊं !!""क्यों, इतना अच्छा गाना है।  तुम्हें क्य...
शेखर सुमन
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शेखर सुमन
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शेखर सुमन
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Yashoda Agrawal
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तेज धड़कनों का सचसमय के साथ बदल जाता हैकभी देखते हीया स्पर्श भर सेस्वमेव तेज रुधिर धारबता देती थीहृदय के अलिंद निलय के बीचलाल-श्वेत रक्त कोशिकाएं भीकरने लगती थी प्रेमालापवजह होती थीं 'तुम'इन दिनों उम्र के साथधड़कनों ने फिर सेशुरू की है तेज़ी दिखानीवजह बेशकदिल द मामला...