जाने क्यूं जलते लोग,बुलंदियों के आ जाने परबदल जाते क्यूं रिश्तें, गुरबत के आ जाने परहटे नकाब अनदिखे, उजले चमके चेहरों सेखुल गई सभी बनावटें, तूफां के आ जाने परअरसा हुआ देखे उन्हें, जो रोज मिलने आते थेदिखे नहीं दिया भी तो, अंधेरों के छा जाने परघर से आंगन खत्म ह...
पोस्ट लेवल : "जिंदगी"

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जिंदगी और अन्य कवितायें - विनय भारत शर्मा ज़िन्दगी उछलती, मचलती,गडमडातीसाथ चलकर फडफ़ड़ाती,दुख- सुख, दर्द सुकूनहिस्सों में बटकरकहीं भटककररास्ते परबढ़ती गाड़ी ज़िन्दगी गुमनाम है।** समस्या मैं एक दिन चिंता में डूबा हुआ था,चिंता मुझे खा रही थीया मैं चिंता को ये समझ रहा था...

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दोस्तों, शीर्षक 'जिंदगी में थोड़ा सा दुःख जरूरी है...' पढ़ कर शायद आप सोच रहे होंगे कि आज मैं ये कैसी बात कर रहीं हूं...कोई भी इंसान यह नहीं चाहेगा कि उसकी जिंदगी में थोड़े से दुःख के लिए भी कोई जगह हो। हर इंसान यहीं चाहता है कि उसकी जिंदगी में सिर्फ़ और सिर्फ़ सुख ही ह...

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उम्मीदों की बात कहूँ तोकभी लगा था, वो'ह्रस्व उ' की तरह घूम फिर कर लौटेगीपर 'दीर्घ उ' की सरंचना सरीखीएक बार जो मोड़ से घूमीदूर तक चली गयी'ए-कार' सा रह गया अकेलापर 'ऐ-कार' बनने की उम्मीद मेंताकता रहा हर समय एक आंख से 'चन्द्रबिन्दु' जैसाकिंतु परन्तु के सिक्के को उछालेद...

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मुझे स्वयं से अत्यधिक नाराजगी की एक वजह ये दिखती है कि यश-ऋषभ पर उनके बचपन में मैंने उनपर हाथ चलाये। शायद इसका कारण मेरे अंदर तथाकथित गुस्से वाले पापा का बैठा होना था, साथ ही अत्यधिक उम्मीदों की गठरी भी, इनके सर पर रखना भी था । पर समय के बदलते रुख के साथ व फेसबुक प...

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एक क्षण -ओझल हो गया सबभूत का बोझ उठायेशिथिल कदमों में आ गई आतुरताझुक गया 'मैं' का स्वामित्वआसान न थाउस पार का सफरमिथिल भ्रम की उपासना का मोहजन्मजात क्रियाओं का दम्भबहुतेरा था इस पार के स्थायित्व के लिए मझधार, भावनाओं का ज्वारडोलता रहा इस पार से उस पारस्थितप्रज्ञ तु...

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कोरोना काल में बहुत कुछ बदलेगा - स्वचालित नल लगाने होंगेआपके मैं एक उदाहरण से बताना चाहूंगी कि कोरोना के समय और इसके बाद कैसे हम लोगों की दुनिया छोटी छोटी बातों में बदल जायेगी। हमारी सोसाइटी के क्लब में कुछ समय पहले तक जब कि कोरोना का कोई नाम भी नहीं जानता था...

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एयरकंडीशनर का तापमान 24 डिग्री रखने पर हमारे अनुभवभारत में इस समय गर्मियों का मौसम है। अधिकांश जगहों पर दिन का तापमान 45-47 डिग्री के करीब चल रहा है। करीब-करीब हर घर में एसी (Air Conditioner - AC) का इस्तेमाल हो रहा है। गर्मियों से बचने के लिए लोग एयर कंडीशनर...

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नवगीतरेल जैसी जिंदगीनीतू ठाकुर 'विदुषी'मापनी 14/14और अन्तस् मौन चीखेधड़धड़ाहट शोर आगेरेल जैसी ज़िंदगी येपटरियों के संग भागे1कल्पनाओं से भरा हैमिथ्य यह संसार देखाबंधनों में बांधती हैजीवितों को भाग्य रेखाव्याधियाँ हँसने लगी हैंसो रहे दिन रात जागे।उलझनें सुलझा रहा मनसाँस...