चाँदचुपके से खिड़की के रास्ते कमरे मेंरोज आता है लड़की अपने करीब आता देखमुस्कुराती हैदेखती है देर तक छू लेती हैमन ही मन उसेचाँद लड़की से कुछ कहने कासाहस नहीं जुटा पातालड़की संकोच की जमीन परचुपचाप बैठी रहती हैचाँद और लड़कीयुगों युगों से...