ब्लॉगसेतु

मनीष कुमार
0
ये यात्रा करने का समय नहीं है पर पारिवारिक कारणों से पिछले हफ्ते पहले राँची से दिल्ली और फिर दिल्ली से पटना होते हुए राँची की यात्रा करनी पड़ी। देश किस क़दर कोरोना से ऊब कर निडर या कहिए ढीठ सा होता जा रहा है इसका प्रत्यक्ष अनुभव मुझे अपनी इस यात्रा में मिला। चूँकि इ...
 पोस्ट लेवल : झारखंड Jharkhand
मनीष कुमार
0
जिस तरह हमारे शहर कंक्रीट के जंगलों में तब्दील होते जा रहे हैं वैसे वैसे हमारा जुड़ाव अपने आस पास की प्रकृति से कम होता जा रहा है। अगर आपका घर किसी बहुमंजिली इमारत का हिस्सा है तो फिर आपके लिए हरियाली घर में लगाए पौधों से ही आ सकती है। महानगरों में ये समस्या काफी बड़...
 पोस्ट लेवल : Ranchi राँची झारखंड Jharkhand Birding
मनीष कुमार
0
राँची से सौ किमी की दूरी पर चांडिल का एक छोटा सा कस्बा है जो सुवर्णरेखा नदी पर बने बाँध के लिए मशहूर है। राँची जमशेदपुर मार्ग पर जमशेदपुर पहुँचने से लगभग तीस किमी पहले ही एक सड़क बाँयी ओर कटती है जो इस बाँध तक आपको ले आएगी। यहाँ एक रेलवे स्टेशन भी है जो कि ट...
sanjay krishna
0
डॉ  नितीश प्रियदर्शीपर्यावरणविद24 मार्च से भारत में लागू देशव्यापी लॉकडाउन के कारण देश के कई हिस्सों में भी इंसानी गतिविधियों की रफ्तार थमी है और इस दौरान प्रकृति अपनी मरम्मत खुद करती नजर आ रही है।  गाड़ियों की आवाजाही पर रोक लगने और ज्यादातर कारखानें बंद...
sanjay krishna
0
बंगाल, बिहार, ओडिशा और झारखंड में सराक जाति भी रहती है। झारखंड के आदिवासी क्षेत्र में सराकों के कई गांव हैं। 1996 में प्रकाशित एक पुस्तक के हवाले से सिंहभूम जिले में छह गांव, रांची में 49 गांव, दुमका में 29 गांव, वीरभूम में तीन गांव, धनबाद में 12 गांव, संताल परगना...
 पोस्ट लेवल : झारखंड की सराक जाति
मनीष कुमार
0
पिछला एक महीना पूरे विश्व के लिए एक जबरस्त चुनौती के रूप में सामने आया। एक महामारी ने पूरे विश्व को हिला कर रख दिया। स्थिति ये हो गयी है कि आज  हममें से अधिकांश अपने अपने घरों में  नज़रबंद हैं। घर से काम कर रहे हैं। कुछ लोगों का दायित्व ही ऐसा ह...
मनीष कुमार
0
राँची से सटा झारखंड का एक जिला है खूँटी। लोकसभा में उप सभापति रह चुके कड़िया मुंडा इस लोकसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते रहे। कड़िया मुंडा की विरासत तो आज केंद्र में आदिवासी मामलों के मंत्री अर्जुन मुंडा सँभाल रहे हैं पर इन बड़े कद के नेताओं से ज्यादा खूँटी का जिक्र...
sanjay krishna
0
भारत में संधि के अन्तर्गत पगड़ी या मुकुट बदलने की परंपरा रही है। इसी परंपरा के अन्तर्गत कोहीनूर हीरा भारत से बाहर चला गया। जो आज इंग्लैड की महारानी के मुकुट पर लगा है।पगड़ी बदल कर हीरा प्राप्त करने का वाक्या झारखंड में भी हुआ था जिसके बारे में कम लोगों को ही मालूम है...
मनीष कुमार
0
कई बार आपने महसूस किया होगा कि जब आप छुट्टियों पर घूमने निकलते हैं तो प्रकृति के नए नए रंग आपको आकर्षित करते हैं। ये रंग किसी भी रूप में अचानक सामने आ जाते हैं। कभी सूर्यास्त की लाली, कभी पक्षियों का कलरव, कहीं कोई अजीबोगरीब वृक्ष तो कही चटकीले फूलों की बहार। सवाल...
मनीष कुमार
0
यूँ तो पलाश का फैलाव भारत के हर कोने में है पर पूर्वी भारत में इनके पेड़ों का घनत्व अपेक्षाकृत ज्यादा है और इसका प्रमाण तब मिलता है जब आप रोड या रेल मार्ग से मार्च और अप्रैल के महीने में इन इलाकों से गुजरते हैं। झारखंड और उत्तरप्रदेश का तो ये राजकीय पुष्प भी है। टैग...