हंसने रोने की कविता कभी जोर जोर से हंसती है और कभी उससे भी जोर से रो पड़ती है दया भाभी की तरह। पर कितना भी वह रो या हंस जाए तारक मेहता का चश्‍मा उल्‍टा ही रहता है। इस उल्‍टे चश्‍मे की एक झलक देखने के लिए और खुद को छिपाने के लिएबोल बच्‍चन से लेकर सलमान खान और चोटी...