पोस्ट लेवल : "दस्तावेज़"

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कभी-कभी ख़ुद को दोहराते रहा चाहिए। अच्छा रहता है। गहराई नापते रहो। इसका अंदाज़ा बहुत ज़रूरी है। पता रहता है, हम कहाँ से चले थे और आज कहाँ है। बड़े दिनों से सोच रहा था, कहाँ से शुरू करूँ। मन में एक ख़ाका घूमते-घूमते थक गया। बस हरबार यही सोचता रहा, कैसे दिन हुआ करते थे।...