ब्लॉगसेतु

zeashan zaidi
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आज के वक़्त में साइंस फिक्शन के कई आइडियाज़ अब हकीकत बन चुके है.इन ही में से एक है लिखित मैटर को आवाज़ में बदलना। अब कुछ साइट्स व एप्प इस काम को बखूबी कर रहे हैं।  ऐसे ही एक सॉफ्टवेयर द्वारा कहानी 'तेरी दुनिया मेरे सपने' को वॉइस रूप में सुनें। ये कहानी मेरे व डा...
jaikrishnarai tushar
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 प्रभु श्रीरामएक गीत आस्था काराम तुम्हारे निर्वासन को दुनिया राम कथा कहती हैराम तुम्हारेनिर्वासन कोदुनिया रामकथा कहती है ।इसकी पीड़ासरयू जानेअश्रु लिए युग-युग बहती है ।राम तुम्हारीचरण पादुका कितनी पूजनीय हो जाती,जोगन वस्त्रपहनकर के भीमाँ सीता दुनिया को भात...
sanjiv verma salil
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 दोहा दुनिया *आलम आलमगीर की, मर्जी का मोहताजमेरे-तेरे बीच में, उसका क्या है काज?*नयन मूँद देखूं उसे, जो छीने सुख-चैन गुम हो जाता क्यों कहो, ज्यों ही खोलूँ नैन* पल-पल बीते बरस सा, अपने लगते गैरखुद को भूला माँगता, मन तेरी ही खैर *साया भी अपना नहीं, दे न तिमिर मे...
 पोस्ट लेवल : दोहा दुनिया
संतोष त्रिवेदी
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कोरोना जी के जाने की अभी तक कोई भनक हमारे कानों में नहीं आई पर उनके ‘सामाजिक’ होने को लेकर रोज़ नए रहस्य कान खा रहे हैं।एक ताज़ा शोध बताता है कि वायरस जी में ‘मिलनसारिता’ का नायाब गुण है।ये जिनकी देह में सक्रिय होते हैं,उसमें सामने वाले ‘देहधारी’ से मिलने की अजब बे...
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विश्व फोटोग्राफी दिवस की शुभकामनाएँ!--चित्रकारिता दिवस में, निहित बड़ा सन्देश।लोगों को हर चित्र ही, बाँट रहा उपदेश।।चित्रकारिता दिवस का, आया आज सुयोग। लिए कैमरा हाथ में, निकल पड़े हैं लोग।। -- मित्र और परिजन-स्वजन, चले घूमने साथ। चित्र खिंचाने के लिए...
sanjiv verma salil
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नवगीत:दुनिया रंग रँगीलीसंजीव*दुनिया रंग रँगीलीबाबादुनिया रंग रँगीली रे!*धर्म हुआ व्यापार हैनेता रँगा सियार हैसाध्वी करती नौटंकीसेठ बना बटमार हैमैया छैल-छबीलीबाबादागी गंज-पतीली रे!*संसद में तकरार हैझूठा हर इकरार हैनित बढ़ते अपराध यहाँपुलिस भ्रष्ट-लाचार हैनैतिकता है ढ...
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--जब हर घर में जन्मते, दुनिया में इंसान।मानवता का क्यों हुआ, फिर जग में अवसान।।--देख दशा संसार की, हुए हौसले पस्त।भरी दुपहरी में हुआ, मानो सूरज अस्त।।--मान और अपमान का, नहीं किसी को ध्यान।सरे आम इंसान का, बिकता है ईमान।।--भरे पड़े इस जगत में, बड़े-बड़े धनवान।श्री क...
sanjiv verma salil
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दोहा दुनियावातायन से देखकर, चाँद-चाँदनी सँगदोनों मुखड़ों पर चढ़ा, प्रिय विछोह का रंग*कांत-कांति कांता मुदित, चाँद-चाँदनी देखसाथ हाथ में हाथ ले, कर सपनों का लेख*http://divyanarmada.blogspot.in/
अनीता सैनी
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दुःख  हो या सुख दोनों ही इस दौर में थे अकेले।  रोए तो स्वयं को सुनाने के लिए की दर्द भी है दर्द। हँसे भी तो स्वयं को बहलाने के लिए कि ख़ुशी भी है ख़ुशी। गधे हो या घोडे  दोनों ही अस्तबल के थे मालिक। दोनों एक ही दा...
PRAVEEN GUPTA
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आगे निकले आरआईएल के मालिक मुकेश अंबानी, 68.3 अरब डॉलर की नेटवर्थआरआईएल के शेयरों की कीमतें बढ़ने से इसका मार्केट कैपिटलाइजेशन 12 लाख करोड़ रुपए के करीब पहुंच गया है। इससे अंबानी की नेटवर्थ में अच्छा खासा इजाफा हुआ।विश्व के दिग्गज निवेशक वॉरेन बफेट को रिलायंस इंडस्ट्र...