भारत माँ के वीर बलिदानी सपूत [शहीद ]एक देशगान -उसे क्षमा क्यों जो मानवता का दुश्मन ,हत्यारा है सत्य अहिंसा दया ,धर्म सब कापुरुषों का नारा है |उसे क्षमा क्यों जो मानवता का दुश्मन ,हत्यारा है |कब तक मौन तिरंगा ढो...
पोस्ट लेवल : "दुश्मन"
0
आँखों में अंगार है, सीने में भी दर्दकुंठित मन के रोग हैं, आतंकी नामर्द१ व्यर्थ कभी होगा नहीं, सैनिक का बलदानआतंकी को मार कर, देना होगा मान२ चैन वहां बसता नहीं, जहाँ झूठ के लालसच की छाया में मिली, सुख की रोटी दाल३ लगी उदर में आग है, कंठ हुए...
0
धरती माँगे पूत से, दुशमन का संहार इक इक कतरा खून का, देंगे उस पर वार कतरा कतरा बह रहा, उन आँखों से खून नफरत की इस आग में, बेबस हुआ सुकून दहशत के हर वार का, देंगे कड़ा जबाब नहीं सुनेंगे आज हम , छोडो चीनी,कबाबशशि पुरवार

0
दर रहे या ना रहे छाजन रहे,फूल हों ख़ुशबू रहे आँगन रहे ।फ़िक्र ग़म की क्यों, ख़ुशी से यूँ अगर,आँसुओं से भीगता दामन रहे ।झाँक लो भीतर कहीं ऐसा न हो,आप ही ख़ुद आप का दुश्मन रहे ।ज़िंदगी में लुत्फ़ आता है तभी,जब ज़रा-सी बेवजह उलझन रहे ।कल सुबह सूरज उगे तो ये दिखे,।बीज मिट्ट...

0
होमवर्क से कोई बचाओइसको हमसे दूर हटाओहम बच्चों का दुश्मन भारीखुशियां छीने रोज हमारीपढ़ लिख जब स्कूल से आतेनहीं खेलने जी भर पातेमम्मी पकड़ मुझे ले जातींहोमवर्क सारा करवातींथक जाता हूं लिखते पढ़तेहोमवर्क को करते करते------------ शिवशंकर

0
‘क्या हुआ कुत्ते का, मिला कि नहीं अभी तक?’ कंपनी बाग में टकराते ही एक नव-निर्मित मित्र ने पूछा । सुबह-सुबह की सैर में एक-दूसरे की खैर पूछते-पूछते हम वाकिंग फ्रेंड बन गए थे । उनका इशारा ह...

0
स्पष्ट रूप से पढ़ने के लिए इमेज पर डबल क्लिक करें (आप उसके बाद भी एक बार और क्लिक द्वारा ज़ूम करके पढ़ सकते हैंडॉ आरती सिंह Aarti Singh 14 jun 2015 शैम्पू और टूथपेस्ट भी बन सकते हैं आपकी जान के दुश्मन-----------------घर में इस्तेमाल होने वाले बहुत से उत्पादो...

0
किस्सों में ज़िक्र उसका भी होगाबिछाए कांटे जिसने मेरी राहों मेंवो ना होता तो ये सफर न होताझूमते रहते बहारों की पनाहों मेंदर्द लहू उसका भी शामिल थाएक आह थी मेरी हज़ार आहों मेंना जाने बना कैसे हमसफ़र वोकोई नेकी थी ढेरभर गुनाहों में

0
कल 03 अगस्त को जब विश्व मैत्री दिवस था हमने दुलाल गुहा साहब निर्देशित व 1971 में प्रदर्शित 'दुश्मन' का अवलोकन किया था। फिल्म की शुरुआत में दिखाया गया है कि मस्त-मौला ट्रक ड्राईवर सुरजीत सिंह (राजेश खन्ना) द्वारा मार्ग में टायर पंचर होने पर सहायक से उसे बदलने को कह...

0
किसी लेखक ने क्या खूब कहा है. जिंदगी और मौत दोस्तों, 'मौत' शब्द पर एक लेखक ने "आनंद" फिल्म में अभिनेता राजेश खन्ना के माध्यम से कितना कुछ कहा है. इससे आप भली भांति परिचित है. मेरी उनके सामने कोई भी औकात नहीं हैं.मगर मैंने कुछ कहने का प्रयास किया है.गुण-अवगुणों...