कौन थे ओशो? इंटरनेट के सौजन्य से ओशो 20वीं सदी के आध्यात्मिक गुरु व दर्शनशास्त्र के अध्यापक थे, ओशो का जन्म मध्य प्रदेश के रायसेन में 11 दिसम्बर 1931 को हुआ था बचपन का नाम चन्द्र मोहन जैन था बाद में आचार्य रजनीश कहलाये किन्तु उनकी असली पहचान ओशो के रु...
पोस्ट लेवल : "धर्म"

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अलग-अलग संस्कृति में धर्म का अर्थ अलग-अलग होना संभव है । इसी प्रकार नैतिकता के अर्थ में भी किंचित भिन्नता हो सकती है । किंतु सभी संस्कृतियों में धर्म का सामान्यीकृत अर्थ 'ईश्वरीय सत्ता पर विश्वास' है । इसी प्रकर नैतिकता का सर्वस्वीकृत अर्थ ‘मानवीय स...

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मनुष्य और अन्य प्राणियों में महत्पूर्ण अंतर यह है कि मनुष्य में सोचने, तर्क करने और विकसित भाषा का प्रयोग करने की क्षमता होती है । शेष कार्य तो सभी प्राणी न्यूनाधिक रूप से करते ही हैं । उक्त विशेष गुणों के कारण ही मनुष्य में जिज्ञासा की प्रवृत्ति होती है । 16...

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मनुष्य ने पिछली कुछ सदियों में ज्ञान के विभिन्न क्षेत्रों में अभूतपूर्व विस्तार किया है । ज्ञान के इस विस्तार ने बहुत सी पारंपरिक मान्यताओं को बदला है जिन्हें मनुष्य हजारों वर्षों तक ज्ञान समझता रहा । गैलीलियो से लेकर स्टीफन हॉकिंग्स तक और कणाद से लेकर...

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जीवन में दुःख के विकल्प इतने अनिर्णीत नहीं रहे..;जितना सुख की वस्तुनिष्ठता मेंभयग्रस्त रहा-मन..!एक अकेली वेदना इतनी प्रभावी, व्याकुल और आच्छादक हो सकती है..;कभी सोचा नहीं था..!इस बहते हुए जीवन मेंखुलते रहे..सुख के इतने स्रोत कि-दिन-रात सहमा किया..;अकेला दुःख..! पहा...

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मैं तुम्हें प्रेम करता हूँ..;इसलिए नहीं कि- मैं तुम्हें प्रेम करता हूँ..!मैं तुम्हें प्रेम करता हूँ..;इसलिए कि-मेरी साँसों में घुलती रहती है-माटी की सोंधी गन्ध..!मैं तुम्हें इसलिए प्रेम करता हूँ..;क्योंकिमैं जंगल से प्रेम करता हूँ..!मैं तुम्हें प्रेम करता हूँ..;इसल...

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नन्ही चिड़िया तू तराना गाये जा...इस जीवन का क्या है राज बताए जा नन्ही चिड़िया तू तराना गाये जा..कैसे नभ को अपना कहना आता हैगम की धूप को कैसे सहना आता हैतिनके-तिनके से बनता जो आशियाँअपनों से वो घर कैसे बन जाता हैगम मेँ खुशियोँ का अफसाना गाये जानन्ही चिड़िया तू तराना ग...

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कोई दुःख इतना बड़ा नहीं होता...जितना मन ने बढ़ा लिया धीरे-धीरे..;पानी में पड़े तेल की बूँद की तरह..!न ही मन का ख़ालीपन इतना विस्तृत..;जिसमें समा जाए-पूरा पहाड़..!कोई अनुभूति इतनी गहरी नहीं होती कि उसके मापन के लिए असफल हो जाएँ- सारे निर्धारित मात्रक..!कोई रुदन इतना द्रा...

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अँजुरी-भर जल की आवश्यकता उन्हें होती है..; जिन्हें प्यास लगी हो..!जो जलने के अभ्यस्त हैं..;वे पानी से भी जल सकते हैं..!कविताएँ उनके लिए हैं..; जिन्हें प्रिय है-नीला रंग..!रिक्तताएँ जन्मदात्री होती हैं..; कलाओं की..! आसन्नप्रसवा वेदना से हूकता है-मन..!किसी भयावह,निर...

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श्री मन नारायण नारायण हरि हरितेरी लीला सबसे नयारी नयारी हरि हरिभज मन नारायण नारायण हरि हरिजय जय नारायण नारायण हरि हरिहरी ॐ नमो नारायणा, ॐ नमो नारायणाहरी ॐ नमो नारायणालक्ष्मी नारायण नारायण हरि हरिबोलो नारायण नारायण हरि हरिभजो नारायण नारायण हरि हरिजय जय नारायण नारायण...