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पोस्ट लेवल : "नवगीत"

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नवगीत:तोड़ दें नपना*अंदाज अपना-अपनाआओ! तोड़ दें नपना*चोर लूट खाएंगेदेश की तिजोरी परपहला ऐसा देंगेअच्छे दिन आएंगे.भूखे मर जाएंगेअन्नदाता किसानआवारा फिरें युवारोजी ना पाएंगेतोड़ रहे हर सपनाअंदाज अपना-अपना*निज यश खुद गाएंगेहमीं विश्व के नेतावायदों को जुमला कहठेंगा दिख...

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नवगीत-पड़ा मावठा *पड़ा मावठा घिरा कोहराजला अँगीठी आगी ताप*सिकुड़-घुसड़कर बैठ बावले थर-थर मत कँप, गरम चाय ले सुट्टा मार चिलम का जी भर उठा टिमकिया, दे दे थापपड़ा मावठा घिरा कोहराजला अँगीठी आगी ताप*आल्हा-ऊदल बड़े लड़ैया टेर जोर से,भगा लड़ैया गारे राई,सुना सवैयाघाघ-भड्डरी बन ज...

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--प्रतिज्ञादिवस में प्रतिज्ञा कहाँ है?प्रज्ञा जहाँ है, प्रतिज्ञा वहाँ है।।--छाया हुआ रूप का ही नशा है,जवानी में उन्माद ही तो बसा है,दिखावे ने अपना शिकंजा कसा है,प्रतिज्ञादिवस में प्रतिज्ञा कहाँ है?प्रज्ञा जहाँ है, प्रतिज्ञा वहाँ है।।--बिना स्नेह के दीप कैसे जलेगा?ब...

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