चित्र साभार गूगलएक प्रेमगीत-तुमने जिस दीप को छुआलौट गयीपल भर थी चाँदनीदूर अभी भोर के उजाले ।सिरहानेशंख धरे सोयेपर्वत की पीठ पर शिवाले ।यात्राओं मेंसूनापनचौराहों पर जादू -टोने,वासन्ती मेड़ों पर बैठीखेतों में गीत लगी बोने,सूरज कोप्यास लगी शायदझीलों से मेघ उ...
पोस्ट लेवल : "प्रेम"

0
दो से देखो वो एक हो गये, चलते चलतेराही अंजान हमसफर हुये, चलते चलतेमौसम तो आये कई मुश्किलों के मगरकोयले से खरा कुंदन हुये जलते जलतेबडी आजमाइशे की मुकद्दर ने तो क्यामंजिले पा ही गये शाम के ढलते ढलतेफासले मिटाने को हंसके गले मिलते रहेआखिर दुश्मन थक ही गये छलते छलतेफंद...
.jpg)
0
चित्र साभार गूगलएक लोकभाषा गीत-प्रेम क रंग निराला हउवैसिर्फ़ एक दिन प्रेम दिवस हौबाकी मुँह पर ताला हउवैई बाजारू प्रेम दिवस हौप्रेम क रंग निराला हउवैसबसे बड़का प्रेम देश कीसीमा पर कुर्बानी हउवैप्रेम क सबसे बड़ा समुंदरवृन्दावन कै पानी हउवैप्रेम भक्ति कै चरम बिंदु...

0
हथेली गरम-गरम ******* रात हो मतवाली-सी सपने पके नरम-नरम सुबह हो प्यारी-सी दिन हो रेशम-रेशम मन में चाहे ढेरों संशय रस्ता दिखे सुगम-सुगम सुख-दुःख दोनों जीवन है मन समझे सहज-स...

0
मै रोज तकूं उस पारहे प्रियतम कहां गएछोड़ हमारा हाथअरे तुम सात समुंदर पारनैन में चलते हैं चलचित्रछोड़ याराना प्यारे मित्रन जाने कहां गए......एकाकी जीवन अब मेरासूखी जैसी रेतभरा अथाह नीर नैनों मेंबंजर जैसे खेतवो हसीन पल सपने सारेमौन जिऊं गिन दिन में तारेन जाने कहां गए...

0
स्मृति में तुम (11 हाइकु)*******1. स्मृति में तुम जैसे फैला आकाश सुवासित मैं। 2. क्षणिक प्रेम देता बड़ा आघात रोता है मन। 3. अधूरी चाह भटकता है मन नहीं...

0
*****************कोठी अटारी पे आए कागानथुनी बेसर छू छू भागेचांद चकोर से मन जो लागाप्राण पखेरू न उड़ मिल जाए******************सुरेन्द्र कुमार शुक्ल भ्रमर5प्रतापगढ़ , उत्तर प्रदेश,भारतसर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामयाः

0
..............................

0
प्रेम में होना ******* प्रेम की पराकाष्ठा कहाँ तक बदन के घेरों में या मन के फेरों में? सुध-बुध बिसरा देना प्रेम है या फिर स्वयं का बोध होना प्रेम है, अनकहा प्रेम भी होता है &n...

0
***************कितना ठौर ठिकाना बदलेहे चंदा तू नित आकाशसाजन का मुख तो दिखला देचैन से सो लूं जी इस रात*******************सुरेन्द्र कुमार शुक्ल भ्रमर 5सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामयाः