वे अस्सी बरस के हैं. लेकिन लिख रहे हैं अनवरत. कोई सामान उठाते समय हाथों में कम्पन होता है, लेकिन कलम उठाते वक्त ये कम्पन थम जाता है. सुबह से शाम तक आप उन्हें लगातार लिखते/पढ़ते ही देखेंगे. मध्य प्रदेश साहित्य अकादमी के, हिन्दी साहित्य की दीर्घकालिक सेवा हेतु...
पोस्ट लेवल : "प्रेम गली अति सांकरी"

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सपना। इस एक शब्द में ऐसी दुनिया है, जहाँ हम सब चले जाना चाहते हैं। कोई भी ऐसा टुकड़ा जो हमें अपनी तरफ़ चुंबक की तरह खींचता रहता है। खींचना शहद की तरह मधुमक्खी का भी होता है और उस छोटे नवजात बच्चे का अपनी असहाय लेटी कमज़ोर माता की तरफ़ भी। जैसे गाडियाँ खींची चली आती हैं...

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हम कभी नहीं सोचते, पर हो जाते हैं। कितने दोस्त बन जाते, इसी सब में। पर फ़िर भी हम तो दोस्त उसी के बनना चाहते। मन मार लेते। सब साथ दिखते। पर हम उसके साथ होना चाहते। कुछ न बोलते हुए भी सब बोल जाते। पर वह कहीं न होती। हम कहीं न होते। जगहें वहीं रह जातीं। हम हम नहीं रह...

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हज़रत निज़ामुद्दीन घंटा भर पहले पहुँचकर वह क्या-क्या कर सकता है, इसकी लिस्ट वह कई बार बनाकर मिटा चुका था। हर डूबती शाम, उसका दिल भी डूब जाता। जिस कमरे पर वह साल दो हज़ार दो से रह रहा था, उसे अपने ही गाँव के एक लड़के को दिलाकर एक ठिकाना बचाए रखने की ज़िद काम नहीं आई। हर...

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वह उस कमरे में साड़ी पहनकर खड़ी है। साड़ी कुछ घाघरे जैसी दिखती रही। जैसे कहीं राजस्थान या गुजरात में उसका घर हो। तस्वीर वह खुद भी थी और उसके पीछे दीवार पर भी एक और तस्वीर लगी हुई है। फ़ोटो बहाई मंदिर, लोटस टैम्पल, नेहरू प्लेस की है। शायद हम उन्ही की तस्वीरें लगाते हैं,...

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{यह भी बारिश में होने की एक स्टीरियोटाइप कहानी है। छोटी-सी कहानी। बारिश के पानी में भीगते हुए भागने की कहानी। उनके पास छाता नहीं है, जिसे हम छतरी कहते हैं। इसलिए दोनों भीग जाएँगे।} बूँदें थीं, कि रुक नहीं रही थी। उन्हे तीन दिन हो गए, लगातार। अपने वजन को सहन न...

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अचानक वापस लौटता हूँ उस सीन पर जहाँ सबकुछ ठहर चुका था। वहाँ थोड़ी देर में आसमान से कोई बर्फ नहीं गिरने वाली थी। न हम दोनों अचानक बाहों में आकर एक दूसरे को भूलने वाले थे। कितना भी चाहता, मेरे कमज़ोर से हाथ तुम्हारी कलाई पकड़े उस बड़े से गेट से बाहर निकल जाने की कोशिश क...

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कहानी में जबर्दस्त ट्विस्ट आन पड़ा था। वह फ़ेसबुक पर उनकी जितनी भी तस्वीरें देखता जाता, उतना ही उसे विश्वास होता जाता कि वह किसी दूसरी दुनिया से आए हुए लोगों की दुनिया है। उसकी ज़ेब में जितने पैसे नहीं होते उससे भी महँगी उन लाल-लाल होंठों को लाल करने वाली एक लिपिस्टिक...

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पिछला पन्ना, दिल तोड़ देने वाली फ़िल्म..ख़ुद को थोड़ी देर सुदीप की जगह रखकर देखने का पहला मिनट बीता नहीं कि अपने आप से कोफ़्त होने लगी। जिसके साथ ज़िन्दगी बिताने के दिन बुन रहा हूँ, उसे कह दूँ, के अपने हिस्से के सपनों को पूरा करने के लिए वह उस अमीर कंपनी के मालिक से शादी...