नवगीत *पल में बारिश, पल में गर्मी गिरगिट सम रंग बदलता है यह मौसम हमको छलता है *खुशियों के ख्वाब दिखाता है बहलाता है, भरमाता है कमसिन कलियों की चाह जगासौ काँटे चुभा, खिजाता है अपना होकर भी छाती पर बेरहम! दाल दल हँसता है यह मौसम हमको छलता है *जब एक हाथ में कुछ देता द...
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नवगीत बारिश *बारिश तो अब भी होती हैलेकिन बच्चे नहीं खेलते.*नाव बनानाकौन सिखाये?बहे जा रहे समय नदी में.समय न मिलता रिक्त सदी में.काम न कोईकिसी के आये.अपना संकट आप झेलतेबारिश तो अब भी होती हैलेकिन बच्चे नहीं खेलते.*डेंगू से भय-भीत सभी हैं.नहीं भरोसा शेष रहा...

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बाल गीत:बरसे पानीसंजीव 'सलिल'*रिमझिम रिमझिम बरसे पानी.आओ, हम कर लें मनमानी.बड़े नासमझ कहते हमसेमत भीगो यह है नादानी.वे क्या जानें बहुतई अच्छालगे खेलना हमको पानी.छाते में छिप नाव बहा ले.जब तक देख बुलाये नानी.कितनी सुन्दर धरा लग रही,जैसे ओढ़े चूनर धानी.काश कहीं झूला...

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बाढ़ आपदा प्रबंधन पर कैसे ध्यान दें और क्या करें? आजकल भारत में मानसून की बारिश का मौसम है। भारत के मौसम विभाग ने अप्रैल माह में ही बताया था कि भारत में इस बार अच्छी बारिश होगी। ऐसे में स्वाभाविक है कि इस समय वर्षा होगी कहीं कम और कहीं ज्यादा। जहां...

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सादर बरसावनसोमवारीय अंक में स्वागत अभिनन्दनबारिश अच्छी ही लगती है. घर में रहने को विवश हो जाते हैं लोग..पर बच्चे तो बच्चे ही होते हैं, किसी भी संक्रमण से बेख़ौफ़ बहते जल में नाव चलानें में मशगूल..फिर भी बूंदों की झड़ी देखना सुखद है..बरसात दरअसल, प्रकृति का एक भा...

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यह जो बरसात आई हैहर बार की तरह फिर इस बारसुहानी तो बिल्कुल नहींकोढ़ में खुजली-सीलग रही है इस बारअभी बाढ़ से आई तबाहीहै चर्चा मेंकल सूखे की चर्चा होगीअभी मरनेवालों की चर्चा हैकल फ़सल-भूखे की चर्चा होगीकरोना महामारी से जूझ रही दुनिया मेंअब मौतों के आ...

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कल आसमान साफ़ था फिर भी दिनभर पानी बरसता रहा।बरसते पानी ने कहा बरसात नहीं है बरसात भिगोती है गलाती नहीं। सीली दीवारों पर चुप्पी की छाया थी न सूरज निकला न साँझ ढली। गरजे बादल चमकती रही बिजली न पक्षी चहके न घोंसले से निकले।दौड़ते पानी से ग...

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दोहा सलिला:मेघ की बात*उमड़-घुमड़ अा-जा रहे, मेघ न कर बरसात।हाथ जोड़ सब माँगते, पानी की सौगात।।*मेघ पूछते गगन से, कहाँ नदी-तालाब।वन-पर्वत दिखते नहीं, बरसूँ कहाँ जनाब।।*भूमि भवन से पट गई, नाले रहे न शेष।करूँ कहाँ बरसात मैं, कब्जे हुए अशेष।।*लगा दिए टाइल अगिन, भू है त...

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दोहे बूँदाबाँदी के:*झरझर बूँदे झर रहीं, करें पवन सँग नृत्य।पत्ते ताली बजाते, मनुज हुए कृतकृत्य।।*माटी की सौंधी महक, दे तन-मन को स्फूर्ति।संप्राणित चैतन्य है, वसुंधरा की मूर्ति।।*पानी पानीदार है, पानी-पानी ऊष्म।बिन पानी सूना न हो, धरती जाओ ग्रीष्म।।*कुहू-कुहू कोयल क...

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बाल गीतपानी दो