आज पंकज को शिल्पा से मिलने मॉल जाना था। शिल्पा से उसके रिश्ते की बात चल रही थी। दोनों परिवार के लोग आधुनिक विचारों के थे। अत: जब तक लड़का लड़की आपस में एक दूसरे को पसंद न कर ले तब तक बात आगे बढ़ने का सवाल ही नहीं था। नियत समय पर पंकज मॉल पहुंच गया। जब उसने शिल्पा को ब...
पोस्ट लेवल : "बलात्कार"

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भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने आज 2अक्टूबर को गांधी जयंती के अवसर पर गांधी प्रतिमा पर माल्यार्पण करने के बाद उपवास रखकर हाथरस,बुलंदशहर,बलरामपुर,आजमगढ़ में हुए बलात्कार सहित प्रदेश में व्याप्त जंगलराज के विरोध में सरकार के रवैए के खिलाफ नारेबाजी करते हुए मुख्यमंत्री यो...

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कहते हैं एक दिन उन फूलों नेअपनी पन्हइयों में भर कर पेशाबपिलाई अपने बलात्कारियों कोऔर पेड़ों से बाँध करउनके प्रजनन अंगों के चिथड़े उड़ा दिएइस कविता में गुस्सा है लेकिन वह एक जायज़ गुस्सा है .. स्त्रियों को किस तरह अपमानित किया जा रहा है आप सब जानते हैं . नरेश&n...

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इस देश का मौजूदा कानून अपने आप में एक गाली है बाक़ी तो सब निमित्त मात्र हैं | आज सात साल के इंतज़ार के बाद देश में हुए और हो रहे अत्यंत दुर्दांत बलात्कार में से एक बेटी के दोषियों को जैसे जैसे सज़ा पर टँगवा क...

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वरिष्ठ वकील इंदिरा जयसिंह का बयान कि जैसे सोनिया गाँधी ने राजीव गाँधी के हत्यारे को माफ़ किया है, वैसे ही निर्भया की माँ निर्भया के बलात्कारियों को माफ़ कर दें। एक स्त्री होकर वकील साहिबा ऐसा कैसे सोच सकी? राजीव गाँधी की हत्या और निर्भया के बलात्कार का अपराध एक...

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आज के दौर में जबकि एक तरफ संवैधानिक रूप से चलने की बात की जाती है उस समय में संवैधानिक क्या है, इसे लेकर भी संशय बना हुआ है. हैदराबाद की जघन्य घटना के बाद आम जनमानस में आक्रोश बना हुआ था और आरोपियों को जनता के हवाले करके, जनता के द्वारा हिसाब बराबर किये जाने की आवा...

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प्रियंका, तुम्हारा दर्द, तुम्हारी चीखें, तुम्हारा लहू, तुम्हारे आँसू और तुम्हारा चकनाचूर विश्वास...इस देश का हर संवेदनशील इंसान महसूस कर रहा हैं। लेकिन प्रियंका, कहते हैं न कि जाके पाँव न फटी बिवाई, वह क्या जाने पीर पराई!! ठीक वैसा ही हाल पूरे देशवासियों का हैं। तु...

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हैदराबाद में चिकित्सक महिला के साथ हुई वीभत्स वारदात के बाद पूरे देश में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर एक बार फिर बहस छिड़ गई है. इस बहस के केन्द्र में जहाँ महिलाओं की सुरक्षा है, शासन-प्रशासन की कानून व्यवस्था है वहीं इसके साथ-साथ मजहब विशेष के पुरुषों द्वारा ऐसे जघन्...

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बेटियों के साथ होने वाली किसी भी घटना के बाद एक आम पोस्ट आती है कि बेटियों के बजाय बेटों को शिक्षा दें कि वे स्त्री को एक इन्सान समझें. हम बराबर और बार-बार कहते हैं कि समाज में स्त्री-पुरुष का, लड़के-लड़की का, बेटे-बेटी का भेद करने से कभी कोई सुधार नहीं आने वाला. बे...