'शाम हँसी पुरवाई में' विमोचन पर मुक्तिकाआचार्य संजीव वर्मा 'सलिल'*शाम हँसी पुरवाई में। ऋतु 'बसंत' मनभाई में।।झूम उठा 'विश्वास' 'सलीम'।'विकल' 'नयन' अरुणाई में।।'दर्शन' कर 'संतोष' 'अमित'। 'सलिल' 'राज' तरुणाई में।।छंद-छंद 'अमरेंद्र' सरस्। 'प्...
पोस्ट लेवल : "बसंत शर्मा"

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भूमिका: बुधिया लेता टोह : चीख लगे विद्रोहआचार्य संजीव वर्मा 'सलिल'स्वातंत्र्योत्तर भारतीय साहित्य छायावादी रूमानियत (पंत, प्रसाद, महादेवी, बच्चन), राष्ट्रवादी शौर्य (मैथिली शरण गुप्त, माखन लाल चतुर्वेदी, दिनकर, सोहनलाल द्विवेदी) और प्रगतिवादी यथार्थ (निराला, न...

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आचार्य संजीव वर्मा ‘सलिल’ - मानवीय संवेदनाओं के कविआचार्य संजीव वर्मा ‘सलिल’ जी का नाम अंतर्जाल पर हिंदी साहित्य जगत में विशेष रूप से सनातन एवं नवीन छंदों पर किये गए उनके कार्य को लेकर अत्यंत सम्मान के साथ लिया जाता है, गूगल पर उनका नाम लिखते ही सैकड़ों के संख्या मे...

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समीक्षा :बुधिया लेता टोह : चीख लगे विद्रोहआचार्य संजीव वर्मा 'सलिल'स्वातंत्र्योत्तर भारतीय साहित्य छायावादी रूमानियत (पंत, प्रसाद, महादेवी, बच्चन), राष्ट्रवादी शौर्य (मैथिली शरण गुप्त, माखन लाल चतुर्वेदी, दिनकर, सोहनलाल द्विवेदी) और प्रगतिवादी यथार्थ (निराला, नागार...

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२३. रेल अभियांत्रिकी का अंग : छंद बसंत कुमार शर्मा संपर्क: ३५४ रेल्वे डुप्लेक्स बंगला, फेथ वेली स्कूल के सामने, पचपेढ़ी, साउथ सिविल लाइंस, जबलपुर (म.प्र.) ४८२००१, चलभाष: ९७५२४ १५९०७। * शिशु के जन्म के समय रोने की आवाज, माँ की मीठी लोरी से लेकर राम नाम सत्य क...