उसकी ख़ामोशी खँगालती है उसे, वो वह नहीं है जो वह थी, उसी रात ठंडी पड़ चुकी थी देह उसकी, हुआ था उसी रात उसका एक नया जन्म, एक पल ठहर गयीं थीं साँसें उसकीं, खुला आसमां हवा में साँसों पर प्रहार, देख चुकी थी अवाक-सी वह, ...
पोस्ट लेवल : "बादल"

23
आवारा बादल,शोर मचाते,धोखेबाज बादल,छत पर आकर,उछल-कूद करते,नखरीले बादल,पास जाकर देखूँ तो,दूर कहीं छिप जाते बादल,मनमर्ज़ी करते ,विशालकाय बादल!@अनीता लागुरी "अनु"

23
मेरी डायरियों के पन्नों में,रिक्तता शेष नहीं अब,हर सू तेरी बातों कासहरा है..!कहाँ डालूं इन शब्दों की पाबंदियाँ हर पन्ने में अक्स तुम्हारागहरा है...!वो टुकड़ा बादल का,वो नन्हीं-सी धूप सुनहरी,वो आँगन गीला-सा,हर अल्फ़ाज़ यहां प...

23
अधखुली खिड़की से,धुएं के बादल निकल आए,संग साथ में सोंधी रोटी कीख़ुशबू भी ले आए, सुलगती अंगीठी और अम्मा का धुआँ-धुआँ होता मन..!कभी फुकनी की फूं...

23
एक शोर ह्रदय को झंकृत करता,मौन-मौन मनुहार ........रचाता। एक दिया मुंडेर पर जलता ,नज़्म-नज़्म संगीत बजाता। एक इंतज़ार टिक-टिक सुनाता,देख के तुमको नंगे पैर धूल लगाता। एक बादल कभी ज़रा-सा गुस्साता,हथ...

7
समस्यापूर्ति 'बादलों की कूचियों पर'*बादलों की कूचियों पर गीत रचो पंछियों पर भूमि बीज जड़ पींड़ परछंद कहो डालियों परझूम रही टहनियों परनाच रही पत्तियों परमंत्रमुग्ध कलियों परक्यारियों-मालियों परगीत रचो बिजलियों परबादलों की कूचियों परगीत रचो पंछियों पर*श...

23
मेरी डायरियों के पन्नों में,रिक्तता शेष नहीं अब,हर शुं तेरी बातों कासहरा है..!कहाँ डालूं इन शब्दों की पाबंदियाँ हर पन्ने में अक्स तुम्हारागहरा है...!वो टुकड़ा बादल का,वो नन्हीं-सी धूप सुनहरी,वो आँगन गीला-सा,हर अल्फ़ाज़ यहां पीले हैं।तलाशती फिर रही हूँ ..श...

208
'पापा' तो होते है 'आसमान'एक बेहद संजीदा अभिव्यक्तिकहती है ये फिर अंतिम बार उनसे मिलनेसमय के कमी की वजह सेकर रहा था हवाई यात्राबेहद ऊंचाई पर था शायदपड़ रहा था दिखाईविंडो के पार दूर तलकफटा पड़ा था आसमानबिखड़े थे बादलों के ढेर इधर-उधरपापा दम तोड़ चुके थे।तेज गति से भ...

174
ग़ौर से देखो गुलशन में बयाबान का साया है ,ज़ाहिर-सी बात है आज फ़ज़ा ने बताया है। आपने अपना खाता नम्बर विश्वास में किसी को बताया हैतभी तो तबादला होकर दर्द आपके हिस्से में आया है। दर्...