ब्लॉगसेतु

सुनील  सजल
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   व्यंग्य-मन की भड़ास  निकालिए जरूर कुछ दिन पूर्व मैंने एक शोध समाचार पढ़ा कि आदमी को अपने मन में उपजी भड़ास को अवश्य निकालना चाहिए | इससे दिमाग का तनाव कम होता है और तनाव से जुडी बीमारियाँ भी |शोधकर्ता ने भड़ास निकालने के उपाय भी सुझाए जैसे घर में तोड़फ...
 पोस्ट लेवल : मन व्यंग्य भड़ास
राजीव तनेजा
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इस बात में रत्ती भर भी संदेह नहीं कि आजकल चल रही सोशल नेटवर्किंग साईट्स जैसे याहू..ट्विटर और फेसबुक वगैरा में से फेसबुक सबसे ऊपर है... यहाँ पर हर व्यक्ति अपने किसी ना किसी तयशुदा मकसद से आया है...बहुत से लोग यहाँ पर सिर्फ मस्ती मारने के उद्देश्य से मंडरा...
राजीव तनेजा
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प्रिय पुत्र अनामदास, कैसे हो?…मैं यहाँ अपने घर में…अपने बलबूते पर एकदम से सही-सलामत हूँ और उम्मीद करता हूँ कि तुम भी  अपने घर में…अपने ही दम पर सुख एवं शान्ति के साथ जीवन व्यतीत कर रहे होगे….’शान्ति’ कैसी है?….बहुत दिन हो गए उससे मिले हुए…मेरा सलाम कहना उसे|...
राजीव तनेजा
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   अलार्म कई बार बजने के बाद अब और बजने से इनकार कर चुका था|रात की खुमारी ऐसी छाई थी कि निद्र देवता भी लाख भगाए नहीं भाग रहे थे और भागते भी क्योंकर? रात पौने तीन बजे तक लिखने-लिखाने के बाद जो मैंने सोने को बिस्तर का मुँह ताका था|नतीजन!...सुबह पहली ट्रे...