आज अपनी श्रीमती जी को, जो कि एक गृहिणी होने के स&...
पोस्ट लेवल : "माही"

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हमारे भारत में राष्ट्रीय तौर पर उभर रही है एक समस्या, जिससे समस्त गृहणियाँ और साथ में बेचारे पति भी परेशान रहते हैं, उससे न जाने कितने परिवारों में दिन में न जाने कितनी बार मनमुटाव, लड़ाई झगड़ा और यहाँ तक कि मार पीट की भी नौबत आ जाती है, उस समस्या का नाम है - "...

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भाई, मैंने अब तक की अपनी ज़िन्दगी में तरह - तरह के शौक रखने वाले देखे हैं, किसी को क्रिकेट देखने का शौक, तो किसी को क्रिकेट खेलने का शौक, किसी को कुछ खाने का शौक, तो किसी को कुछ पीने का शौक, लाखों तरह के शौक पालते हैं लोग। अब हिन्दी के मशहूर व्यंग्यकार "श्री विवेक र...

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किसी गाँव में दो पति पत्नी के बीच की बातचीत.."अजी सुनते हो..""क्या हुआ..?""अरे! मैंने सुना है कि अपना बिजली का बिल माफ किया जा रहा है..""क.. क्या.. क्या बात कर रही हो भागवान..""हाँ! सही कह रही हूँ, अभी जब आप अपने नकारा और निकम्मे दोस्तों के साथ जुआ खेलने बाहर बैठे...

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सदियों से इस देश में निचले वर्ग का शोषण हो रहा है, और अब तो ये रिवाज हो गया है। पहले जाति के नाम पर शोषण होता था, आज गरीबी और पद के नाम पर होता है। अमीरों के द्वारा गरीबों का शोषण तो पहले भी होता ही था और अब भी होता ही है, पर जाने कब से प्रथा सी बन गई है कि आप अगर...

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शीर्षक पढ़ के क्या सोच में पड़ गए जनाब..? कहीं आपको आपकी ज़िंदगी का कोई किस्सा तो याद नहीं आ गया? अजी मैं उसी बेलन का ज़िक्र कर रहा हूँ जिसके बगैर एक आदर्श भारतीय घर का किचन अधूरा होता है..। यूँ तो हम सभी जानते हैं कि बेलन का महत्व हम सब की ज़िन्दगी में क्या होता है और...

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छोटे - छोटे दरवाजेमोटी - मोटी दीवारें थींमेरे गाँव वाले घर मेंन किसी के दिल में दरारें थीं।बड़े छोटे से कमरे मेंपूरा परिवार रहता थासुख - दुख के सारे मौसमहर कोई संग सहता था।पुरानी एक तश्वीर टंगी थीपुरखों वाले कोने मेंडर का कोई सवाल नहीं थाघुप्प अँधेरों में सोने में।न...

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रौशनी तो कम हो गई थीपर आँखों के चरागअब भी जल रहे थेहम बीती रातदिल मे लिए कई ख्वाबअनजानी राहों में चल रहे थे।इक आहट हुईऔर ख्वाबों का मेहताब टूट गयाकुछ टुकड़े चुभे दिल की ज़मीं पेकोई अरमां आँखों से रिसता हुआ रुठ गया।अँधेरों में सोने की आदत नहीं थीउजालों ने डरना सिखा दि...

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हर पल तेरा चेहरामेरे जेहन के समंदर में उतराता रहता है..और तेरा ख्यालजैसे हो कोई चाँदडूब के मुझमेंगोते खाता रहता है..तुम लाख चाहो के मुझे भुला दोपर ये जो इश्क़ है न मेरातेरे दिल की बगिया में गुलखिलाता रहता है।यकीन न होतो तुम ही बता दोक्यों तुम्हे भी हर हमेशामेरा ही ख...