ब्लॉगसेतु

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 आज मैं ऐसे विषय पर कलम चलाने जा रहा हूँ जो बहुत से ब्लॉगरों को बुरी लग सकती है।मित्रों!चर्चा मंच पर सन् 2009 से अनवरतरूप से आपके द्वारा लिखी गई ब्लॉग की अद्यतन प्रविष्टियों की प्रतिदिन चर्चा की जाती है। किन्तु अफसोस तो तब होता है कि जब बहुत सार...
Bharat Tiwari
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राजदीप देसाई : मेरी बातसुप्रीम कोर्ट के द्वारा एक बड़ा कदम उठाते हुए, तीन तलाक़ को असंवैधानिक क़रार देने से, इस्लामिक शरीयत के तहत, पीछे धकेलने वाली सामाजिक प्रथा का अंत हुआ है। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || []).push({}); सन्देश स्पष्ट है कि अनुच्छेद 25 के...
Bharat Tiwari
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Varnika Kunduमेरी बात— राजदीप सरदेसाईवर्णिका (Varnika Kundu) के साथ जो हुआ वह  हमारी किसी भी बेटी की कहानी हो सकती है। क्योंकि वह एक आईएस ऑफिसर की बेटी है तो हो सकता है, अपना पीछा करने वालों —  जिनमें से एक राज्य बीजेपी अध्यक्ष का बेटा है — से मुकाबला करन...
Satyan Srivastava
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शादी का बंधन एक सुखद बंधन है मगर आज की भागम-भाग की जिन्दगी में पति-पत्नी के बीच सबसे बड़ा मन-मुटाव का कारण है "वक्त का अभाव" घर की जिम्मेदारियां इतनी बढ़ गई है कि बड़े-बड़े शहरो में दोनों के पास इतना भी वक्त नहीं है कि एक दुसरे से बैठ कर बात कर सके-चूँकि आपस में बात-ची...
 पोस्ट लेवल : मेरी बात
Satyan Srivastava
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जी हाँ आज रोग कम डॉक्टर(Doctor)जादा है और सबसे अच्छा डॉक्टर तो वो है जिसका लिखा हुआ पर्चा सिर्फ उसको कमीशन देने वाला मेडिकल स्टोर वाला ही पढ़ सके और ख़ास कर भले वो फीस एक बार कम ले ले लेकिन दवा इतनी महँगी होनी चाहिए कि बटुवा खाली हो जाना चाहिए और दो तीन टेस्ट तो होना...
 पोस्ट लेवल : मेरी बात
Satyan Srivastava
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लोग आप जीवन में सरपट दौड़े चले जा रहे है कारण है कि Life-जीवन की इस दौड़ में वे कही किसी से पीछे न रह जाएँ और इसी आगे बढ़ने की रेस में आप अपने जीवन(Life) में बहुत कुछ खोते भी जा रहे है आज लोगों का जीवन-Life लापरवाही भरा और अस्त-व्यस्त हो गया है-दिनचर्या में...
 पोस्ट लेवल : मेरी बात
Satyan Srivastava
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सभी पाठक गण को मेरा हार्दिक अभिनन्दन...!आज दिनाँक18/09/2016 को मुझे ब्लॉग लिखते हुए दो वर्ष व्यतीत हो गए है जब हमने 11/09/2014 को लिखना शुरू किया था मेरा अनुभव शुरू में बड़ा निराशा भरा था और उस समय सोसल मिडिया पर भी बहुत कम वेबसाईट थी जो आयुर्वेद से स...
 पोस्ट लेवल : मेरी बात
ज्योति  देहलीवाल
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                                सामान्यत: हमारी यहीं धारणा है कि जिस व्यक्ति के पास बहुत धन-दौलत हो या जिस व्यक्ति के पास बड़ा पद हो, वहीं बड़ा व्यक्ति है। यदि किसी व्यक्ति के पास धन...
ज्योति  देहलीवाल
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                             पश्चिमी चकाचौंध के कारण हमें लगता है कि पश्चिम की हर चीज, हर बात अच्छी एवं अनुकरणीय है। एक कहावत है कि "दूर के ढ़ोल सुहावने लगते है" मतलब यह कि जो चीज हमारे पास न...
ज्योति  देहलीवाल
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हम इंसान अपने-आप को सभी प्राणियों में सर्वश्रेष्ठ मानते है। इसीलिए बड़ी आसानी से हर इंसानी गलती के लिए किसी न किसी जानवर से उस गलती की तुलना कर देते है। हम झट से कह देते है, "जानवर कहीं का!!" जबकि बाकि पशु-पक्षी निहायत ही करिने से, बेइंतहा मोहब्बत के साथ रहते है। हम...