ब्लॉगसेतु

राजीव तनेजा
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"कभी किसी को मुकम्मल जहाँ नहीं मिलता/कहीं ज़मीं नहीं मिलती..कहीं आसमां नहीं मिलता"ज़िन्दगी में हर चीज़ अगर हर बार परफैक्ट तरीके से..एकदम सही से..बिना किसी नुक्स..कमी या कोताही के एक्यूरेट हो..मेरे ख्याल से ऐसा मुमकिन नहीं। बड़े से बड़ा आर्किटेक्ट..शैफ या कोई नामीगिरामी...
राजीव तनेजा
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अमूमन अपनी जिंदगी में हम सैकड़ों हज़ारों लोगों को उनके नाम..उनके काम..उनकी पहचान से जानते हैं। मगर क्या वे सब के सब हमारे जीवन में इतना अधिक महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं कि उन सभी का किसी कहानी या उपन्यास में असरदार तरीके से जिक्र या समावेश किया जा सके? मेरे ख्याल...
राजीव तनेजा
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क़ुदरती तौर पर कुछ चीज़ें..कुछ बातें...कुछ रिश्ते केवल और केवल ऊपरवाले की मर्ज़ी से ही संतुलित एवं नियंत्रित होते हैं। उनमें चाह कर भी अपनी मर्ज़ी से हम कुछ भी फेरबदल नहीं कर सकते जैसे...जन्म के साथ ही किसी भी परिवार के सभी सदस्यों के बीच, आपस का रिश्ता। हम चाह कर भी अ...
राजीव तनेजा
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कहते हैं कि हर तरह की शराब में अलग अलग नशा होता है। किसी को पीते ही एकदम तेज़ नशा सोडे की माफ़िक फटाक से सर चढ़ता है जो उतनी ही तेज़ी से उतर भी जाता है। तो किसी को पीने के बाद इनसान धीरे धीरे सुरूर में आता है और देर तक याने के लंबे समय तक उसी में खोया रहता है। कुछ इसी...
राजीव तनेजा
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अगर आपको कभी लगे कि जो कुछ भी आप अपनी खुली आँखों से एकदम चकाचक देख रहे हैं..कानों से साफ़ साफ़ सुन रहे हैं..उसे शिद्दत के साथ महसूस भी कर रहे है, उसी चीज़.. बात या उसी आपकी आँखों देखी घटना को हर कोई आपके मुँह पर ही सिरे से नकार रहा है..आपके  दिमाग़ का खलल...
 पोस्ट लेवल : समीक्षा राजीव तनेजा
राजीव तनेजा
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किसी भी देश की व्यवस्था..अर्थव्यस्था एवं शासन को सुचारू रूप से चलाने में एक तरफ़ जहाँ सरकार की भूमिका बड़ी ही विशिष्ट एवं महत्त्वपूर्ण होती है। अब ये और बात है कि वह भूमिका आमतौर पर थोड़ी विवादित एवं ज़्यादातर निंदनीय होती है। वहीं दूसरी तरफ़ सरकार की इच्छानुसार तय की ग...
 पोस्ट लेवल : समीक्षा राजीव तनेजा
राजीव तनेजा
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समाज में अपटुडेट रहने के लिए ज़रूरी है कि हमें देश दुनिया की हर अहम ख़बर या ज़रूरी बात की सही एवं सटीक जानकारी हो। मगर बहुधा यह जानकारी थोड़ी नीरस और उबाऊ प्रवृति की होती है। जिसकी वजह से वह जानकारी या अहम बात आम जनमानस पर अपना समुचित प्रभाव नहीं छोड़ पाती। मगर वही जानक...
 पोस्ट लेवल : समीक्षा राजीव तनेजा
राजीव तनेजा
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जब कभी ज़माने की विद्रूपताएं एवं विसंगतियां हमारे मन मस्तिष्क को उद्वेलित कर उसमें अपना घर बनाने लगती हैं तो हताशा और अवसाद में जीते हुए हम में से बहुत से लोग अपने मन की भड़ास को कभी आपस में बोल बतिया कर तो कभी चीख चिल्ला कर शांत कर लिया करते हैं। इसके ठीक विपरीत कोई...
राजीव तनेजा
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अंतर्जाल पर जब हिंदी में लिखना और पढ़ना संभव हुआ तो सबसे पहले लिखने की सुविधा हमें ब्लॉग के ज़रिए मिली। ब्लॉग के प्लेटफार्म पर ही मेरी और मुझ जैसे कइयों की लेखन यात्रा शुरू हुई। ब्लॉग पर एक दूसरे के लेखन को पढ़ते, सराहते, कमियां निकालते और मठाधीषी करते हम लोग...
राजीव तनेजा
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मिथकीय चरित्रों की जब भी कभी बात आती है तो सनातन धर्म में आस्था रखने वालों के बीच भगवान श्री राम, पहली पंक्ति में प्रमुखता से खड़े दिखाई देते हैं। बदलते समय के साथ अनेक लेखकों ने इस कथा पर अपने विवेक एवं श्रद्धानुसार कलम चलाई और अपनी सोच, समझ एवं समर्थता के...