मिथकीय चरित्रों की जब भी कभी बात आती है तो सनातन धर्म में आस्था रखने वालों के बीच भगवान श्री राम, पहली पंक्ति में प्रमुखता से खड़े दिखाई देते हैं। बदलते समय के साथ अनेक लेखकों ने इस कथा पर अपने विवेक एवं श्रद्धानुसार कलम चलाई और अपनी सोच, समझ एवं समर्थता के...
पोस्ट लेवल : "राजीव तनेजा"

0
किसी भी देश, उसकी सभ्यता, उसके रहन सहन..वहाँ के जनजीवन के बारे में जब आप जानना चाहते हैं तो आपके सामने दो ऑप्शन होते हैं। पहला ऑप्शन यह कि आप खुद वहाँ जा कर रहें और अपनी आँखों से...अपने तन मन से उस देश...उस जगह की खूबसूरती...उस जगह के अपनेपन को महसूस करें।...

0
आम तौर पर हमारे तथाकथित सभ्य समाज दो तरह की प्रजातियाँ पाई जाती हैं। एक कामकाजी लोगों की और दूसरी निठल्लों की। हमारे यहाँ कामकाजी होने से ये तात्पर्य नहीं है कि...बंदा कोई ना कोई काम करता हो या काम के चक्कर में किसी ना किसी हिल्ले से लगा हो अर्थात व्यस्त रहता हो बल...

0
(डायनिंग टेबल पर क्रॉकरी सैट करते करते श्रीमती जी कैमरे से मुखातिब होते हुए।)हाय फ्रैंडज़...कैसे हैं आप?उम्मीद है कि बढ़िया ही होंगे। मैं भी एकदम फर्स्ट क्लास। और सुनाएँ..कैसे चल रहा है सब? सरकार ने भले ही लॉक डाउन खोल दिया है लेकिन अपनी चिंता तो भय्यी..हमें...

0
जिस तरह एक सामाजिक प्राणी होने के नाते हम लोग अपनी भावनाओं को व्यक्त करने के लिए आपस में बातचीत का सहारा लेते हैं। उसी तरह अपनी भावनाओं को व्यक्त करने एवं उनका अधिक से अधिक लोगो तक संप्रेषण करने के लिए कवि तथा लेखक,गद्य अथवा पद्य, जिस भी शैली में वे अ...

0
आमतौर पर किसी कहानी संग्रह को पढ़ते वक्त हमारे ज़हन में उस उस कहानी से जुड़े पात्रों को लेकर मन में कभी त्रासद परिस्थितियों की वजह से करुणा तो कभी क्षोभ वश कटुता उपजती है। ज़्यादा हुआ तो एक हल्की सी...महीन रेखा लिए एक छोटी सी मुस्कुराहट भी यदा कदा हमारे च...

0
(कॉलबेल की आवाज़) बीवी के दरवाज़ा खोलने पर पति अन्दर आता है और अपना बैग साइड पर रखने के बाद भगवान के आगे माथा टेकता है। उसे ऐसा करते देख बीवी हैरान हो कर कहती है...."अरे!...ये अचानक सूरज पश्चिम से कैसे निकल आया? तुम और मंदिर में?...ये तो सच्ची कमाल हो गया। आज ना...

0
"तुझे पता है ना... मैं हमेशा सच बोलता हूँ मगर कड़वा बोलता हूँ। सीधी सच्ची बात अगर मेरे मुँह से तू सुनना चाहता है ना तो सुन... तू कामचोर था...तू कामचोर है।" राजेश, मयंक को समझा समझा कर थक जाने के बाद अपने हाथ खड़े करता हुआ बोला।"लेकिन भइय्या....(मयंक ने कुछ क...

0
{पति ड्रेसिंग टेबल के आगे सज संवर रहा है ।उसको देख कर उसकी पत्नी कैमरे की तरफ मुंह करके शुरू हो जाती है।}"देखा आपने कैसे बुढ़ापे में इनको ये सब चोंचले सूझ रहे हैं। बताओ...ज़रा से बाल बचे हैं सिर पर लेकिन जनाब को तो हफ्ते में दो बार शैम्पू विद कंडीशनर इ...

0
"अच्छा...सुनो...मैं सोच रही थी कि बड़े दिन हो गए सिंपल सिंपल सा बनाते खाते हुए...तो आज कुछ अच्छा बना लेती हूँ। बोलो..क्या बनाऊँ?""अपने आप देख लो।""नहीं...तुम बताओ..."सबसे अच्छा तो मेरे ख्याल से तुम मुँह बनाती हो।""तुम भी ना...हर टाइम बस मज़ाक ही करते रहा करो और...