ब्लॉगसेतु

Brajesh Kumar Pandey
0
इस यात्रा के बारे में शुरू से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें–पाँचवां दिन–कल शाम को हेमकुण्ड साहिब से घांघरिया लौटा तो मेरी किस्मत के सितारे जगमगा रहे थे। मौसम साफ हो चुका था। मैं मौसम साफ होने के लिए वाहे गुरू से अरदास करता रहा। क्योंकि फूलों की घाटी जाने का असली मजा...
Brajesh Kumar Pandey
0
इस यात्रा के बारे में शुरू से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें–बराबर से गया की ओर जाने के लिए मुझे हाइवे पकड़ना था। पतली सड़कों से रास्ता पूछते हुए चलने में कोई बुद्धिमानी नहीं है। तो फिर से फल्गू नदी में उड़ती धूल को पार कर खिज्रसराय पहुँचा और वहाँ से फल्गू नदी के किन...
Brajesh Kumar Pandey
0
इस यात्रा के बारे में शुरू से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें–दिन के 11 बज चुके थे। राजगीर के बस स्टैण्ड चौराहे पर 30 रूपये वाला ʺमेवाड़ प्रेम मिल्क शेकʺ पीकर मैं नालन्दा की ओर चल पड़ा। लगभग 12 किमी की दूरी है। लेकिन नालन्दा पहुँचने से पहले राजगीर से लगभग 7 किमी की दू...
Brajesh Kumar Pandey
0
इस यात्रा के बारे में शुरू से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें–भद्र किले से 10 मिनट से कुछ कम की ही पैदल दूरी पर सीदी सैयद मस्जिद बनी हुई है। मैं रास्ता पूछता हुआ वहाँ पहुँच गया। सीदी सैयद की मस्जिद में बनी जालियां काफी प्रसिद्ध हैं। सीदी सैयद की मस्जिद एक छोटी सी इमार...
Brajesh Kumar Pandey
0
इस यात्रा के बारे में शुरू से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें–अहमदाबाद या फिर पूरे गुजरात का इतिहास सामान्यतः 10वीं सदी के पूर्वार्द्ध तक कन्नौज के गुर्जर प्रतिहार शासकों से जुड़ा हुआ रहा है। 10वीं सदी में राष्ट्रकूट शासक इन्द्र तृतीय ने गुर्जर प्रतिहार शासक महिपाल को...
Brajesh Kumar Pandey
0
इस यात्रा के बारे में शुरू से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें–जैन मंदिर के पास से मुझे पता लगा कि बस स्टैण्ड पास में ही या लगभग एक किमी की दूरी पर है। लेकिन यह जूना बस स्टैण्ड है। नये बस स्टैण्ड जाने के लिए मुझे 50 का पहाड़ा पढ़ने वाले ऑटो वालों की ही सुनना था। 2.30 ब...
Brajesh Kumar Pandey
0
इस यात्रा के बारे में शुरू से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें–अहमदाबाद और इसके आस–पास की यात्रा में मेरे सामने कई लक्ष्‍य थे। सबसे नजदीकी था अहमदाबाद शहर के अन्दर की ऐतिहासिक इमारतों का दर्शन। दूसरा था अहमदाबाद के उत्तर–पूर्व में लगभग 138 किमी की दूरी पर पाटन शहर में...
Brajesh Kumar Pandey
0
इस यात्रा के बारे में शुरू से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें–आज जयपुर में मेरा तीसरा दिन था। और किराये की बाइक से मैं दूसरे दिन की यात्रा करने जा रहा था। वैसे तो जयपुर और हवामहल एक दूसरे के पर्याय हैं लेकिन पहले दिन का मेरा भ्रमण आमेर,नाहरगढ़ और जयगढ़ के नाम रहा और आ...
Brajesh Kumar Pandey
0
इस यात्रा के बारे में शुरू से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें–कल दिन भर मैंने खजुराहो की सड़कों पर डांडी मार्च किया था। दिन भर बिना कहीं बैठे लगातार खड़े रहने व चलते रहने की वजह से थक गया था। खजुराहो के पश्चिमी मंदिर समूह तो कस्बे के बिलकुल पास में ही हैं,इसलिए इन तक...
Brajesh Kumar Pandey
0
इस यात्रा के बारे में शुरू से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें–पश्चिमी मंदिर समूह के पास से लगभग 15 मिनट चलने के बाद मैं चौंसठ योगिनी मंदिर पहुँचा तो रास्ते में और मंदिर के आस–पास मुझे कोई भी आदमी नहीं दिखा। केवल मंदिर के पास एक सुरक्षा गार्ड धूप से बचने के लिए बनाये ग...