-अतुल कन्नौजवीइश्क़ ही काफ़ी है इक जान वार देने कोगुजरता वक्त है सबकुछ गुजार देने कोफरिश्ते सीढ़ियां लेकर छतों पे चढते रहेफलक से चांद सितारे उतार देने को,अजीब खेल है दुनिया बनाने वाले काजिंदगी देता है इक रोज मार देने कोसुकून दे दिया रातों की नींद भी दे दीबचा ह...
पोस्ट लेवल : "शायरी"

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दूरदर्शन पर कार्यक्रम का संचालन करते शायर अतुल कन्नौजवी व कार्यक्रम में शामिल अन्य शोअरा।दिल का इक ख़्वाब दिल में दबा रह गयामैं उसे उम्रभर चाहता रह गया,उसके जैसा कोई भी दिखा ही नहींजिसकी तस्वीर मैं देखता रह गया,शाम होते ही वो याद आने लगाफिर उसे रातभर सोचता रह...

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अतुल कन्नौजवीप्रतीकात्मक चित्र। फोटो: साभारपूछते क्या हो यूं लेकर सवाल आंखों मेंपढ़ सको पढ़ लो मेरा सारा हाल आंखों मेंदेखना था कि समंदर से क्या निकलता हैबस यही सोच के फेंका था जाल आंखों मेंवो मिरे सामने आती है झुकाए पलकेंहया को रखा है उसने संभाल आ...

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इश्क में मुझको क्या क्या बोला जाता हैबेबी बाबू सोना बोला जाता हैलाख सितारों में भी चमक उसी की हैतभी चांद को तन्हा बोला जाता हैबगैर तेरे अब तो जीना मुश्किल हैप्यार में अक्सर ऐसा बोला जाता हैइश्क जिंदगी में चाहे कितने भी करलेकिन सबको पहला बोला जाता हैसहराओं में प्यास...

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शायर फिर से बोला है,ज़हर फ़िज़ा में घोला है।रोज़ सियासत रिसती है,जब भी मुँह खोला है।कट्टरता,पाखंड में चुप्पी,रंगा मज़हबी चोला है।पक्के गाँधीवादी ठहरे,हाथ ‘अहिंसा-गोला’ है।मज़हब सबसे ऊपर है,असली यही फफोला है।‘हम सब मानव हैं पहले’शायर क्यूँ ना बोला है !—संतोष त...

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महाराजा अग्रसेन भगवान श्रीकृष्ण के समकालीन थे। उनका जन्म द्वापर युग के अंत व कलयुग के प्रारंभ में अश्विन शुक्ल प्रतिपदा को हुआ था। इसलिए नवरात्रि के प्रथम दिवस को अग्रसेन महाराज की जयंती के रूप में मनाया जाता हैं। अग्रसेन जयंती पर अपने दोस्तों, रिश्तेदारों एवं सभी...

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दोस्तो, हर साल 5 सितंबर को पूरे भारत में पूर्व राष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिवस के रुप में शिक्षक दिवस मनाया जाता है। हम सभी के जीवन में सफलता के पीछे एक शिक्षक का हाथ होता है जो की हमारे शिष्यकाल के समय हमें सही मार्ग पर चलने की प्रेरणा देते है। यह अ...

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ट्रैवलिंग यात्रा सफर पर्यटन सैर शेर-शायरी मुहावरे गाने और वाक्ययूं आजकल पर्यटन ट्रैवलिंग का शौक काफी बढ़ गया है। हर किसी को दुनिया घूमने का शौक़ नहीं होता, पर जिन्हें होता है वो ही जानते हैं कि जगह जगह घूमना क्या होता है। घमुक्कड़ ही पर्यटन के लिये यात्रा की असली क़ी...

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श्रीकृष्ण का जन्म भाद्रपद मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी को आधी रात में मथुरा में हुआ था। इसलिए श्रीकृष्ण के जन्मदिन के रूप में जन्माष्टमी मनाई जाती है। इसे भारत में ही नहीं, बल्कि विदेश में रहने वाले भारतीय भी बहुत धूम-धाम से मनाते हैं। इस खास मौके पर लोग एक-दूसरे को...