माँ शारदएक प्रयास बृज भाषा में*मन कौ मैल बचै नईं नैकउ, ऐंसी मति दै माँ शारद।बिसरै गैल न; छंद-छंद में, लय दै गति दै माँ शारद।।कर वंदन अभिनंदन पूजन, मैया! गुन गा तर जैंहौं-बुद्धिदायनी हंसवाहिनी, सद्गति दै दै माँ शारद।।*संजीव६-२-२०२०http://divyanarmada.blogspot....
पोस्ट लेवल : "शारद वंदना"

0
शारद वंदनाछंद - हरिगीतिकामापनी - लघु लघु गुरु लघु गुरु*कर शारदे! इतनी कृपा, नित छंद का, नव ग्यान देरस-भाव का, लय-ताल का, सुर-तान का, अनुमान देसपने पले, शुभ मति मिले, गति-यति सधे, मुसकान देविपदा मिटे, कलियाँ खिलें, खुशियाँ मिलें, नव गान दे*संजीव६-६-२०२०http://divyan...

0
शारद वंदना*कृपा करो माँ हंसवाहिनी!,करो कृपाभवसागर में नाव फँसी है,भक्त धँसारही घेर माया फंदे में, मातु! बचारखो मोह से मुक्त, सृजन की डोर थमानहीं हाथ को हाथ सूझता, राह दिखाउगा सूर्य नव आस जगा, भव त्रास मिटारहे शून्य से शू्न्य, सु मन से सुमन मिलारहा अनकहा सत्य कह सके...

0
ॐशारद वंदनामतिमान माँ ममतामयी!द्युतिमान माँ करुणामयीविधि-विष्णु-हर पर की कृपाहर जीव ने तुमको जपाजिह्वा विराजो तारिणी!अजपा पुनीता फलप्रदाबन बुद्धि-बल, बल बन बसींसब में सदा समतामयीमहनीय माँ, कमनीय माँरमणीय माँ, नमनीय माँकलकल निनादित कलरवीसत सुर बसीं श्रवणीय माँमननीय...

0
शारद वंदना*शारद मैया! कैंया लेओपल पल करता मन कुछ खटपटचाहे सुख मिल जाए झटपटभोला चंचल भाव अँजोरूँहूँ संतान तुम्हारी नटखटआपन किरपा दैया! देओशारद मैया! कैंया लेओमो खों अच्छर ग्यान करा देपरमशक्ति सें माँ मिलवा देइकनी एक, अनादि अजर 'अ'दिक् अंबर मैया! पहना देकिरपा पर कें...

0
ॐशारद वंदनाश्वास शारदा माँ बसीं, हैं प्रयास में शक्तिआस लक्ष्मी माँ मिलीं, कर मन नवधा भक्तित्रिगुणा प्रकृति नमन स्वीकारो,तीन देव की जय बोलोतीन काल का आत्म मुसाफिर,कर्म-धर्म मति से तोलोनमन करो स्वीकार शारदे! नमन करो स्वीकारसब कुछ तुम पर वार शारदे आया तेरे द्वारतुम आ...

0
ॐशारद वंदनाश्वास शारदा माँ बसीं, हैं प्रयास में शक्तिआस लक्ष्मी माँ मिलीं, कर मन नवधा भक्तित्रिगुणा प्रकृति नमन स्वीकारो,तीन देव की जय बोलोतीन काल का आत्म मुसाफिर,कर्म-धर्म मति से तोलोनमन करो स्वीकार शारदे! नमन करो स्वीकारसब कुछ तुम पर वार शारदे आया तेरे द्वारतुम आ...

0
सरस्वती वंदनाशारद मैया! शत शत वंदनअक्षर अक्षर सुमन समर्पित,शब्द शब्द है अक्षत चंदन।शारद मैया! शत शत वंदन।।श्वास श्वास तुम, अास तुम्हीं होअंकुर-पल्लव हास तुम्हीं हो।तुम्हीं तिमिर हो, तुम उजास भी-आशा सुषमा लास तुम्हीं हो।तुम ही शब्द शक्ति अभिनंदनशारद मैया! शत शत वंदन...

0
शारद वंदनापद(यौगिक जातीय सार छंद)*शारद सुर-ध्वनि कंठ सजावै।स्वर व्यंजन अक्षर लिपि भाषा, पल-पल माई सिखावै।।कलकल कलरव लोरी भगतें, भजन आरती गावै।कजरी बम्बुलिया चौकड़िया, आल्हा राई सुनावै।।सोहर बन्ना बन्नी गारी, रास बधावा भावै।सुख में दुख में संबल बन कें, अँगुरी...

0
शारद वंदनापौराणिक जातीय शारदा छंदविधान : न न म ज गयति : ८ - १०*नित पुलक करें दीदार शारदा!हँस अभय करो दो प्यार शारदा!*विधि हरि हर को जन्मा सुपूज्य होकर जन जन का उद्धार शारदा!*कण-कण प्रगटाया भाव-सृष्टि कीलय गति यति गूँजा नाद शारदा!*सुर-सरगम है आवास देवि कामम मन बस जा...