दोहा सलिला रूप नाम लीला सुनें, पढ़ें गुनें कह नित्य।मन को शिव में लगाकर, करिए मनन अनित्य।।*महादेव शिव शंभु के, नामों का कर जाप।आप कीर्तन कीजिए, सहज मिटेंगे पाप।।*सुनें ईश महिमा सु-जन, हर दिन पाएं पुण्य।श्रवण सुपावन करे मन, काम न आते पण्य।।*पालन संयम-नियम का,...
पोस्ट लेवल : "शिव"

0
शिव भजन भज मन महाकाल प्रभु निशदिन।।*मनोकामना पूर्ण करें हर, हर भव बाधा सारी।सच्चे मन से भज महेश को, विपद हरें त्रिपुरारी।।कल पर टाल न मूरख, कर लेश्वाश श्वास प्रभु सुमिरन।भज मन महाकाल प्रभु निशदिन।।*महाप्राण हैं महाकाल खुद पिएँ हलाहल हँसकर।शंका हरते भोले शंकर,...

0
ज़िन्दगी की कशमकश से परेशान बहुत है,दिल को न उलझाओ ये नादान बहुत है।यूं सामने आ जाने पर कतरा के गुजरना,वादे से मुकर जाना उसे आसान बहुत है।यादें भी हैं, तल्खी भी है, और है मोहब्बत,तू ने जो दिया दर्द का सामान बहुत है।अश्क कभी, लहू कभी, आँख से बरसे,बेदाग़ मोहब्बत का ये...

0
..............................

0
फिटनेस डोज आधा घण्टा रोज का संदेश दिया झाबुआ। शारीरिक गतिविधि एवं खेलकूद को नागरिकों के दैनिक जीवन का एक अंग बनाने के लिए एवं सभी नागरिकों में स्वयं के स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता लाने के उद्देश्य से भारत सरकार द्वारा फिट इण्डिया कैम्पेनिंग दिसम्बर 2020...

0
शिवमय दोहे *डिम-डिम डमरू-नाद है, शिव-तात्विक उद्घोष.अशुभ भूल, शुभ ध्वनि सुनें, नाद अनाहद कोष..डमरू के दो शंकु हैं, सत्-तम का संयोग.डोर-छोर श्वासास है, नाद वियोगित योग..डमरू अधर टँगा रहे, नभ-भू मध्य विचार.निराधार-आधार हैं, शिव जी परम उदार..डमरू नाग त्रिशूल शशि, बाघ-...

0
शिवमय दोहे लोभ, मोह, मद शूल हैं, शिव जी लिए त्रिशूल.मुक्त हुए, सब को करें, मनुज न करना भूल..जो त्रिशूल के लक्ष्य पर, निश्चय होता नष्ट.बाणासुर से पूछिए, भ्रष्ट भोगता कष्ट..तीन लोक रख सामने, रहता मौन त्रिशूल.अत्याचारी को मिले, दंड हिला दे चूल..जर जमीन जोरू 'सल...

0
दोहा-दोहा शिव बसे.शिव न जोड़ते श्रेष्ठता,शिव न छोड़ते त्याज्य.बिछा भूमि नभ ओढ़ते,शिव जीते वैराग्य..शिव सत् के पर्याय हैं,तभी सती के नाथ.अंग रमाते असुंदर,सुंदर धरते माथ..शिव न असल तजते कभी,शिव न नकल के साथ.शिव न भरोसे भाग्य के,शिव सच्चे जग-नाथ..शिव नअशिव से दूर हैं,...

0
दोहा सलिला शिव * शिव नरेश देवेश भी, हैं उमेश दनुजेश.गिरिजापति गिरिजेश हो, घर-घर पुजे हमेश.* शिव शव को जीवंत कर, कर सकते चैतन्य कंकर में शंकर बसें, हैं त्रिपुरारि अनन्य *शिव न शिवा बिन पूर्ण हों, शिवा न शिव बिन पूर्ण सत्-शिव-सुन्दर...