ब्लॉगसेतु

zeashan zaidi
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आज के वक़्त में साइंस फिक्शन के कई आइडियाज़ अब हकीकत बन चुके है.इन ही में से एक है लिखित मैटर को आवाज़ में बदलना। अब कुछ साइट्स व एप्प इस काम को बखूबी कर रहे हैं।  ऐसे ही एक सॉफ्टवेयर द्वारा कहानी 'तेरी दुनिया मेरे सपने' को वॉइस रूप में सुनें। ये कहानी मेरे व डा...
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नैन मूंद मत करे अकेलामेरे जीवन का तू मेलामुझको भी लेे चल तू मुन्नारंग बिरंगे सपनों में....अंक भरूं मै चंदा मामासूरज चाचू को जल दे दूंतारों संग कुछ कंचा खेलूंनील गगन में सैर करूंमुझको भी लेे चल तू मुन्ना......परियों संग मै खेलूं कूदूंसप्तऋषि संग वेद पढूंपरियों की जा...
मधुलिका पटेल
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 मैंने अपने हिस्से के कुछ सपने छुपा दिए थे उम्मीदों के आसमान में सोच रही हूँ वहाँ जा कर ले आऊं उन्हें मेरे रोशनदान पर एक बुल बुल रोज दाना चुगने आती है मैंने उससे कहा तुम्हारे पंख मुझे उधार देदो मैं स्त्री हूँ मैं सप...
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--अपने छोटे से जीवन में कितने सपने देखे मन में--इठलाना-बलखाना सीखा हँसना और हँसाना सीखा सखियों के संग झूला-झूला मैंने इस प्यारे मधुबन मेंकितने सपने देखे मन में --भाँति-भाँति के सुमन खिले थे आपस में सब हिले-मिले थे प्यार-दुलार दिया...
सुनीता शानू
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एक लड़की के जीवन में साजन के सपने क्या मायने रखते हैं यह बताने की जरूरत नहीं है, और यह भी झूठ ही होगा कि कोई लड़की सपने देखे और उसमें साजन को न देखे। कोई न बताये तो यह और बात है, हम तो झूठ नहीं बोलते  तो भई नहीं बोलते। जब दादी परियों की और राजकुमार की कह...
Bhavana Lalwani
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लड़की एक  बार फिर से उसी  झील के किनारे बैठी है।  पानी में पैर  डुबोने  और छप  छप करें , का ख्याल आया लेकिन गंदले और काई जमे किनारे ने उसे दूर से ही छिटका दिया। पानी अब बहुत दूर तक खिसक गया था , झील के किनारे वाला हिस्सा सूख गया लगता है...
Bhavana Lalwani
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 "क्योंकि, मैं तुम्हारा  लौह आवरण उतरते देख रहा हूँ। "'और तुम खुश हो रहे हो ?"" नहीं, लेकिन इतना अंदाज़ा नहीं लगाया था मैंने।""किस बात  का अंदाज़ा ?""तो क्या अंदाज़ा था तुम्हारा ?""जो भी था, जाने दो। ""मेरे ख्याल से एक एक कंकर  फेंकने के बजाय...
sanjiv verma salil
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एक रचना-अपने सपने कहाँ खो गये?*तुमने देखे,मैंने देखे, हमने देखे। मिल प्रयास करकभी रुदन करकभी हास कर।जाने-अनजाने, मन ही मन, चुप रह लेखे।परती धरती में भीआशा बीज बो गये।*तुमने खोया,मैंने खोया ,हमने खोया।कभी मिलन का,कभी विरह का,कभी सुलह का।धूप-छाँव में, नगर-ग...
 पोस्ट लेवल : geet tum sapne गीत तुम सपने
Kailash Sharma
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कुछ दर्द अभी तो सहने हैं,कुछ अश्क़ अभी तो बहने हैं।मत हार अभी मांगो खुद से,मरुधर में बोने सपने हैं।बहने दो नयनों से यमुना,यादों को ताज़ा रखने हैं।नींद दूर है इन आंखों से,कैसे सपने अब सजने हैं।बहुत बचा कहने को तुम से,गर सुन पाओ, वह कहने हैं।कुछ नहीं शिकायत तुमने की,यह...
PRABHAT KUMAR
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कुछ ऐसे सपने भी होते हैं जिन्हें हम नींद में देखते हैं अनुभव करते हैं, एहसास करते हैं और इन्हीं में ऐसे ही बहुत सारे चेहरों को बदलते किरदारों के रूप में भी देखते हैं। इन सबके बावजूद किसी वजह से हम ऐसे किरदारों तक अपनी बात नहीं पहुंचा पाते।चाहकर भी न बता पाने की वजह...