ब्लॉगसेतु

Yashoda Agrawal
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भटके हुये दिलों के प्रेमीआत्म मंजिल तकनहीं पहुंचते हैं... फिर गलत इंसान सेधोखा खाकरसही इंसानसे बदला लेते हैं......घर की तकलीफ़ें.चौराहे पर उड़ेलकरघर को मकांकर लेते हैं.... जीवन में हम इंसासिर्फ़ सुख के लिएबिखरते हैं... मेरे युवा भाई-बहनोंमाता-पिता पर...
Yashoda Agrawal
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मेरी अखियों में वो ख्वाब सुनहरा थामेरे ख्वाब को कोमल पंखुड़ियों ने घेरा थावदन को उसका आज इंतजार गहरा थाखिंचने लगी बिन डोर उसकी श्वांसों की ओरमेरी श्वासों ने चुना वो शख्स हीरा थाआज की शाम बेहद नशीली थीउसकी आहटों की सुंगध सी फैली थीक्या पता था आज क्या मिलने वाला थादी...
 पोस्ट लेवल : समाज और हम
Yashoda Agrawal
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आज 31 जुलाई विशेष - मुंशी प्रेमचंद जयंती ....(धनपत राय श्रीवास्तव)ब्लॉग समाज और हम...आकांक्षा सक्सेनासे साभार31 जुलाई विशेष - मुंशी-प्रेमचंद जयंती ''एक प्रेरणा'' मुंशी प्रेमचंद का जीवन-''लोग अंतिम समय में ईश्वर को याद करते हैं मुझे भी याद दिलाई जाती...
Dr. Zakir Ali Rajnish
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ग्लोबल हंगर इंडेक्स द्वारा भुखमरी और कुपोषण की स्थिति को लेकर अक्टूबर 2016 के द्वितीय सप्ताह में जारी रिपोर्ट में 118 देशों की सूची में भारत 97वें पायदान पर है। आश्चर्य का विषय है कि भारत में व्याप्त इस भुखमरी को नियंत्रित करने के लिए महज 200 लाख टन खाद्यान्न...
 पोस्ट लेवल : समाज और हम अतिथि लेखक