सॉनेटदयानन्द•शारद माँ के तप: पूत हे!करी दया आनंद लुटाया।वेद-ज्ञान-पर्याय दूत हे!मिटा असत्य, सत्य बतलाया।।अंध-भक्ति का खंडन-मंडन। पार्थिव-पूजन को ठुकराया। सत्य-शक्ति का ले अवलंबन।। आडंबर को धूल मिलाया।। राजशक्ति से निर्भय जूझे। लोकशक्त...
पोस्ट लेवल : "सरस्वती"

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तेरी सुरभि वहन कर लायी शीतल मलय बयार,भारती तेरी जय हो! तेरी स्मृति झंकृत कर जाती उर वीणा के तार भारती तेरी जय हो!अरुणोदय में सुन हंसासिनी तव पदचाप विहंगथिरक थिरक गा रहा प्रभाती पुलकित सारा अंग तेरे स्वागत में खिल जाती कुसुम कली साभार- भारती तेरी...

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रोज-रोज सपनों में आकर,छवि अपनी दिखलाती हो!शब्दों का भण्डार दिखाकर,रचनाएँ रचवाती हो!!--कभी हँस पर, कभी मोर पर,जीवन के हर एक मोड़ पर,भटके राही का माता तुम,पथ प्रशस्त कर जाती हो!शब्दों का भण्डार दिखाकर,रचनाएँ रचवाती हो!!--मैं हूँ मूढ़, निपट अज्ञानी,नही जानता काव्य-कहा...

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सरस्वती वंदना बृज भाषा *सुरसती मैया की किरपा बिन, नैया पार करैगो कौन? बीनाबादिनि के दरसन बिन, भव से कओ तरैगो कौन?बेद-पुरान सास्त्र की मैया, महिमा तुमरी अपरंपार-तुम बिन तुमरी संतानन की, बिपदा मातु हरैगो कौन?*धरा बरसैगी अमरित की, माँ सारद की जै कहियौ नेह नरमदा बन जीव...

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ॐ सरस्वती वंदनाअम्ब विमल मति दे.....*प्रचलित रूप हे हंसवाहिनी! ज्ञानदायिनी!!अंब विमल मति दे जग सिरमौर बनायें भारत वह बल विक्रम दे अंब विमल मति दे साहस शील ह्रदय में भर दे जीवन त्याग तपोमय कर दे संयम सत्य स्नेह का वर दे स्वाभिमान भर दे अंब विमल मति दे लव कुश ध्रुव प...

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सरस्वती वंदना मराठी वंदे वीणावादिनी वाणी!नमो नमो मां कंबुज पाणी!गीत ग़ज़ल मुक्तक ची दाता!शब्द भाव शुचि उक्ति प्रदाता !मुक्त छंद कविता बन फूला!चरणी चढ़वु हे सुख मूला!ग्यान दायिनी रूप अतूला! हो जननि मज वर अनुकूला!२वागीशा वरदायिनी अंबा!कमल नयनि! जय बाहू प्रलंबा!श्वे...

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सरस्वती वंदना कौरवी ।। ओ विद्या माता।।-----------------------------मेरे स्व. मित्र हास्यकवि श्री हरिराम चमचा ने एक बार प्रेरित किया कि अधिक न हो,पर अपनी मातृभाषा का ऋण उतारने के लिए उसमें कुछ-न-कुछ लिखना अवश्य चाहिए। इसे गम्भीरता से लेते हुए मैंने जनपद मुज़फ्फर...

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बृज पर्व सरस्वती स्तवन बृज *मातु! सुनौ तुम आइहौ आइहौ, काव्य कला हमकौ समुझाइहौ। फेर कभी मुख दूर न जाइहौ गीत सिखाइहौ, बीन बजाइहौ। श्वेत वदन...

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सरस्वती माता - सकल विद्या दातादक्षिण भारत में खास करके तमिलनाडु मे सरस्वती माता को विद्या का मूल और सब प्रकार के कला का कारण मानते हैं। विद्यारंभ के पहले सरस्वती नमस्तुभ्यं वरदे कामरूपिनी विद्यारंभम करिश्यामी सिद्दर भवतु में सदा मंत्र जपते हैं। रोज सुबह शाम जब घर प...

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वीना श्रीवास्तव जन्म - १४ सितंबर १९६६, हाथरस। आत्मजा - स्व. रमा श्रीवास्तव - स्व. महेश चन्द्र श्रीवास्तव। जीवन साथी श्री राजेंद्र तिवारी। शिक्षा - स्नातकोत्तर (हिंदी, अंग्रेजी)।संप्रति - पत्रकारिता, स्वतंत्र लेखन। अध्यक्ष- शब्दकार, सचिव- (साहित्य ) हेरिटेज...